जांजगीर। अभी तक स्कूलों में शिक्षक अपनी मर्जी से आना जाना करते थे। जरूरत पडऩे पर आवेदन छोड़ देते थे, लेकिन रजिस्टर में छुट्टी एंट्री नहीं होती थी, दूसरे दिन वह आवेदन फाड़ दिया जाता था। अब ऐसी लापरवाही नहीं चलेगी। कलेक्टर ने डीईओ, बीईओ, राजस्व अधिकारियों एसडीएम, तहसीलदार को स्कूलों की लगातार मॉनिटरिंग करने कहा है। पिछले एक माह में ऐसे 254 शिक्षक/शिक्षिका जांच के दौरान राडार में आ गए जो बिना अनुमति के स्कूल से नदारद थे। इन सभी के एक दिन की सैलरी काटने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। इस साल दसवीं और बारहवीं बोर्ड परीक्षाओं का परिणाम निराशाजनक रहा है। जिला दसवीं में 32वें और बारहवीं में 33वें नंबर पर था। इस परिणाम से कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी बहुत नाराज हुई हैं। उन्होंने रिजल्ट के बाद लगातार शिक्षा विभाग के अधिकारियों की बैठक ली है और न सिर्फ प्रायमरी से लेकर हायर सेकंडरी स्कूल तक की पढ़ाई का स्तर सुधारने पर फोकस किया जा रहा है, बल्कि शिक्षकों पर नकेल कसने की कोशिश की जा रही है। शासकीय प्राथमिक शाला अर्जुनी के सहायक शिक्षक एलबी शैलेन्द्र सिंह धुवे पर कक्षा चौथी के छात्र प्रिंस भार्गव शोर मचाने पर मारने का आरोप लगा था। इसके बाद ग्रामीणों ने मिलकर शिक्षक को पीटा और उनका मोबाइल तोड़ दिया था। इस मामले की जांच बीईओ ने कराई थी। जिसमें शिक्षक द्वारा बच्चे को मारने की पुष्टि हुई थी। इसके बाद सहायक शिक्षक शैलेन्द्र सिंह धुवे को सस्पेंड कर दिया गया है। जिला शिक्षा अधिकारी ने जारी किया आदेश सत्र प्रारंभ 26 जून से लेकर आज तक कुल 254 शिक्षकों का कलेक्टर के निर्देशानुसार बिना पूर्व सूचना एवं आवेदन के अनुपस्थित रहने वाले शिक्षकों का अनुपस्थित दिवस का वेतन कटौती आहरण एवं संवितरण अधिकारी को जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा आदेश जारी किया गया हैं।