जांजगीर चांपा । जिले के लोगों को बिलासपुर-रायपुर की ओर जाने के लिए तो चमचमाती हाइवे की सुविधा मिल रही है तो वहीं कोरबा की ओर जाने के लिए अब भी जिले के लोगों को धूल और राखड़ के बीच से होकर गुजरना मजबूरी बन गई है। क्योंकि तीन साल मे 38 किमी लंबी सडक़ का निर्माण एनएचएआई पूरा नहीं करा पाया। चांपा-कोरबा हाइवे का निर्माण आज भी अधूरा है। इनमें बाकी दूरी तो चमचमाती बन गई है लेकिन चार जगह अंडरब्रिज का काम अभी अपूर्ण है।
यहां से गुजरना ही सबसे ज्यादा मुश्किलों भरा साबित हो रहा है। यहां पर अंडरब्रिज के किनारे ही वन-वे आना-जाना हो रहा है। ऐसे में वाहनें एक-दूसरे से सटकर चलती रहती है। जरा सी भी नजर हटी तो दुर्घटना घटी जैसी स्थिति है। वाहनों के गुजरते ही यहां पर धूल और डस्ट का ऐसा गुबार उठता है कि सडक़ कहीं नजर नहीं आती। चारपहिया वाहन वाले तो धूल-डस्ट से बच जाते हैं लेकिन दोपहिया वाहन चालक धूल- डस्ट से पूरी तरह से नहा चुके हैं। कपड़ों से लेकर आंखों तक धूल- डस्ट जम जाती है। इस हाइवे के किनारे कई गांव बसे हैं जहां तक लोगों को आने-जाने के लिए इस रास्ते का सहारा लेना मजबूरी है।
अभी एनएचएआई के द्वारा यह सडक़ का निर्माण कराया जा रहा है जो 38.200 किलोमीटर लंबी है। सडक़ की लागत 600 करोड़ रुपए से अधिक है। इधर अफसरों का कहना है कि अंडरब्रिजों का निर्माण जल्द से जल्द पूरा कराने ही पूरा फोकस दिया जा रहा है। निर्माण कार्य शुरू हुए 3 साल हो गए। पहले दिसंबर 2023 तक निर्माण का दावा किया जा रहा था। फिर मार्च 2024 तक काम पूरा होने की बात कही गई लेकिन यह समय भी गुजर गया। अब 2024 को बीतने वाला है लेकिन काम अभी भी सभी अंडरब्रिज में काम 3 से 4 महीने से पहले पूरा होना संभव नजर नहीं आ रहा है। कुल मिलाकर हाइवे में बिना धूल-डस्ट और परेशानी के बिना सफर करने लोगों को अभी और इंतजार करना पड़ेगा। मार्ग में कोथारी, मड़वारानी, बरपाली और सरगबुदिंया में अंडरब्रिज का काम अभी अपूर्ण है।