
दुर्ग/रायपुर। छत्तीसगढ़ में एक बेहद चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां भिलाई की चार नाबालिग लड़कियां रायपुर के महादेव घाट से अचानक लापता हो गईं। इस घटना से दोनों शहरों में हड़कंप मच गया। परिजनों की शिकायत पर सुपेला पुलिस और दुर्ग पुलिस की तत्परता के चलते लड़कियों को नागपुर रेलवे स्टेशन से सुरक्षित बरामद कर लिया गया है।
महादेव घाट से अचानक हुईं गायब
पूरा मामला 21 जुलाई का है, जब चारों लड़कियां रायपुर के महादेव घाट घूमने के बहाने घर से निकली थीं। लेकिन इसके बाद उनका मोबाइल बंद हो गया और परिजनों से उनका संपर्क पूरी तरह टूट गया। देर शाम तक कोई सूचना न मिलने पर परिजन घबरा गए और थाना सुपेला में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। शिकायत मिलते ही पुलिस हरकत में आ गई। सीएसपी सत्यप्रकाश तिवारी के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई, जिसने महादेव घाट इलाके के CCTV फुटेज खंगाले और लड़कियों के मोबाइल की लोकेशन ट्रैक की। जांच में पता चला कि लड़कियां ट्रेन से मुंबई की ओर जा रही हैं। इससे पहले कि वे मुंबई पहुंचतीं, नागपुर रेलवे स्टेशन पर उन्हें रोक लिया गया। पूछताछ में चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि लड़कियों की इंस्टाग्राम पर एक अनजान युवक से दोस्ती हुई थी, जो खुद को मुंबई निवासी बता रहा था। उसने लड़कियों को घूमाने और फिल्म इंडस्ट्री में करियर बनाने का झांसा देकर बुलाया था। पुलिस को संदेह है कि यह किसी सुनियोजित रैकेट का हिस्सा हो सकता है जो सोशल मीडिया के जरिए भोले-भाले बच्चों को फांस रहा है।
जैसे ही लोकेशन नागपुर की पुष्टि हुई, दुर्ग पुलिस ने नागपुर पुलिस से समन्वय कर संयुक्त ऑपरेशन चलाया। इसी दौरान नागपुर रेलवे स्टेशन से चारों लड़कियों को सुरक्षित बरामद कर लिया गया। उन्हें अब दुर्ग लाया जा रहा है, जहां आगे की काउंसलिंग व पूछताछ की जा रही है। दुर्ग पुलिस अब इस पूरे मामले में मुंबई लिंक और उस युवक की पहचान व नेटवर्क की गहराई से जांच कर रही है। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या यह कोई मानव तस्करी गिरोह तो नहीं, जो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का दुरुपयोग कर बच्चों को बहला-फुसलाकर बड़े शहरों में बुला रहा है।
इस घटना के बाद सीएसपी सत्यप्रकाश तिवारी ने अभिभावकों से अपील की है कि वे अपने बच्चों की ऑनलाइन गतिविधियों पर नजर रखें। उन्होंने कहा कि, “सोशल मीडिया आज बहुत ताकतवर माध्यम बन चुका है, लेकिन अगर बच्चों पर नजर न रखी जाए तो ये खतरनाक मोड़ ले सकता है। इस घटना को एक चेतावनी के रूप में लेना चाहिए।” यदि समय रहते पुलिस ने तकनीकी जांच कर कार्रवाई न की होती, तो यह घटना किसी गंभीर अपराध में बदल सकती थी। ऐसे मामलों में सोशल मीडिया की भूमिका और अपराधियों की रणनीति एक बार फिर उजागर हुई है।