
बेंगलुरु। कर्नाटक की पूर्ववर्ती भाजपा सरकार पर लगे 40 प्रतिशत कमीशन के आरोपों की जांच के लिए गठित हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश एचएन नागमोहन दास आयोग ने मुख्यमंत्री सिद्दरमैया को 20 हजार पन्नों की अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। इस रिपोर्ट पर भाजपा और कांग्रेस में पोस्टर वार छिड़ गया है।
कांग्रेस सरकार पर 60 प्रतिशत कमीशन लेने का आरोप
सरकारी ठेकों में 40 प्रतिशत से अधिक कमीशन- भाजपा
एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, कर्नाटक राज्य ठेकेदार संघ ने शिकायत की थी कि सरकारी ठेकों में 40 प्रतिशत से अधिक कमीशन लिया जा रहा है। आयोग ने आरोपों की विस्तृत जांच की और इसके अनुसार अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की है। इस जांच में सार्वजनिक बयानों और विवरणों को महत्वपूर्ण मानते हुए आयोग ने जनता से प्राप्त शिकायतों की गहन जांच की तथा रिपोर्ट में उनके सुझावों को शामिल किया।
जस्टिस एचएन नागमोहन दास की रिपोर्ट को भाजपा ने राजनीतिक प्रकृति का करार दिया। उनकी नियुक्ति पर सवाल उठाते हुए विपक्षी पार्टी ने कहा कि कांग्रेस के पक्ष में रिपोर्ट प्रस्तुत करने का उनका रिकार्ड रहा है।
अशोक ने आरोप लगाया कि कांग्रेस जब भी सत्ता में होती है, तो सभी जांच के लिए जस्टिस नागमोहन दास को स्थायी रूप से चुना जाता है। कांग्रेस की इच्छा के अनुसार रिपोर्ट प्रस्तुत करने का उनका ट्रैक रिकॉर्ड है।
भाजपा आरोप लगाने के लिए स्वतंत्र- कांग्रेस
दूसरी तरफ, कर्नाटक की महिला एवं बाल कल्याण मंत्री लक्ष्मी हेब्बालकर ने कहा कि भाजपा आरोप लगाने के लिए स्वतंत्र है। मैं कहना चाहती हूं कि भाजपा नेता भगवान राम का नाम लेते हैं, लेकिन उनके कार्य रावण जैसे हैं। चूंकि भाजपा के पास उठाने के लिए कोई वास्तविक मुद्दा नहीं है, इसलिए वह निराधार आरोपों का सहारा लेती है। उन्होंने कहा कि हमें 40 प्रतिशत या 60 प्रतिशत की लूट के बारे में नहीं पता। हमने चुनाव से पहले लोगों से वादे किए थे और हम उन्हें पूरा कर रहे हैं।