नईदिल्ली, 0९ दिसम्बर ।
सीरिया की राजधानी दमिश्क पर कब्जा करने वाले विद्रोही गुट हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएस) का सरगना अबू मोहम्मद अल-जुलानी अलकायदा और इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आइएस) के सरगना अबू बक्र अल-बगदादी के साथ जुड़ा रहा है। हालांकि अब वह अपनी छवि चमकाने में लगा है।एचटीएस सीरिया का जिहादी समूह है। इसे पहले जबात अल-नुसरा या नुसरा फ्रंट के नाम से जाना जाता था। 2011 में जुलानीने सीरिया में अलकायदा की शाखा के तौर पर नुसरा फ्रंट का गठन किया। जुलानी, 2016 में अलकायदा से अलग हो गया और जबात फतेह अल-शाम (जेएफएस) का गठन किया। इसका मकसद शाम या या लेवंत (जार्डन, सीरिया, लेबनान, इजरायल सहित भूमध्य सागर के पास स्थित पश्चिम एशिया के क्षेत्र में आजाद कराना था। कई विद्रोही संगठनों का विलय कर 2017 में एचटीएस को बनाया गया। अलकायदा से एचटीएस के संबंधों के मद्देनजर कई देशों ने इसे आतंकी संगठन घोषित किया है। जुलानी का जन्म 1982 में सऊदी अरब में हुआ था। बाद में उसका परिवार दमिश्क चला गया। वह अलकायदा के जुड़ा रहा है। उसका असली नाम अहमद अल-शरा है। जुलानीके दादा गोलन हाइट्स में रहते थे, जो इजरायल और सीरिया के बीच क्षेत्र है। 1967 के अरब-इजरायल युद्ध तक गोलन हाइट्स सीरिया का हिस्सा था। तब से इजरायल ने इस क्षेत्र के लगभग 70 प्रतिशत हिस्से पर नियंत्रण कर लिया है। 2003 में जब अमेरिका ने इराक में अपनी सेना भेजी, जुलानी भी विद्रोह में शामिल होने के लिए बगदाद चला गया। बाद में विद्रोह में शामिल हो गया। उसी समय वह अलकायदा के साथ जुड़ा। जुलानी को अमेरिकी सेना ने हिरासत में लिया था। वह पांच वर्षों तक अमेरिकी जेल में रहा। 2011 में सीरिया के असद के खिलाफ गृहयुद्ध तेज हुआ। इस दौरान बगदादी ने उसे नुसरा फ्रंट नामक अलकायदा की शाखा स्थापित करने के लिए सीरिया भेजा।
जुलानीने अलकायदा की सीरियाई शाखा अल-नुसरा फ्रंट की स्थापना की।उसने अलकायदा और उसके नेता अयमान अल-जवाहिरी के प्रति निष्ठा की शपथ ली थी। उसके नेतृत्व में नुसरा फ्रंट ने 2012 में सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद के शासन को उखाड़ फेंकने का संकल्प लिया था।2013 में उसे अमेरिका ने वैश्विक आतंकी घोषित किया। उस पर अमेरिका ने एक कारोड़ डॉलर का इनाम घोषित कर रखा है। 24 जुलाई 2013 को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने जुलानी को आतंकियों की अपनी सूची में शामिल किया। जुलाई 2016 में जुलानी ने ऑनलाइन वीडियो में अलकायदा और जवाहिरी की प्रशंसा की थी। अगले साल उसने कई अन्य विद्रोही समूहों के साथ मिलकर एचटीएस का गठन किया गया और इसकी कमान संभाली।जुलानी अब अपनी छवि बेहतर करने में लगा है। वह अब खुद को सहिष्णुता के चैंपियन के रूप में दर्शाना चाहता है। उसने सीरिया के धार्मिक और जातीय अल्पसंख्यकों को आश्वस्त करने के लिए विभिन्न जनजातियों और अन्य समूहों के साथ संपर्क मजबूत किया।
उसने सीरिया की विविधता को प्रतिबंबित करने के लिए सत्ता के विकेंद्रीकरण की बात की। उसने पिछले हफ्ते सीएनएन के साथ साक्षात्कार में कहा था,”सीरिया के लोगों को ऐसी सरकार बनाने का हक है जिसमें शासक मनमाने फैसले नहीं लेता है।”