
नईदिल्ली, 0४ मई ।
दिल्ली पुलिस ने चेन्नई, बेंगलुरु समेत देश के अन्य शहरों में बांग्लादेशी घुसपैठियों को बसाने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। पहले दिल्ली में सरगना चांद मियां समेत छह बांग्लादेशी घुसपैठियों व पांच भारतीय एजेंटों को गिरफ्तार किया गया, बाद में चांद मियां की निशानदेही पर चेन्नई पुलिस ने भी 33 बांग्लादेशी घुसपैठियों को गिरफ्तार किया है।सभी के दस्तावेज दिल्ली में ही तैयार हुए थे। पुलिस को उम्मीद है कि गिरफ्तार आरोपितों से पूछताछ के बाद 100 से अधिक बांग्लादेशी घुसपैठियों और भारतीय एजेंट पकड़े जा सकते हैं। भारतीय एजेंट बांग्लादेशियों को घुसपैठ कराने से लेकर फर्जी दस्तावेज पर उनके आधार कार्ड व अन्य दस्तावेज बनवाने, शरण देने, रोजगार मुहैया कराने का काम करते थे।बंगाल व मेघालय के रास्ते एजेंट घुसपैठ कराने के बाद उन्हें भारतीय दस्तावेज मुहैया कराकर शहरों में मजदूरी कराते थे। इसके पहले दिल्ली पुलिस चार अन्य एमिग्रेशन रैकेट का भंडाफोड़ कर 40 से अधिक बांग्लादेशी व भारतीय एजेंटों को गिरफ्तार कर चुकी है। डीसीपी रवि कुमार सिंह ने बताया कि इंस्पेक्टर विष्णु दत्त के नेतृत्व में एंटी नारकोटिक्स स्क्वाड को सूचना मिली कि असलम उर्फ मासूम नामक व्यक्ति तीन दिन पहले बांग्लादेश से अवैध रूप से भारत आया है और पहाड़ी नंबर दो, तैमूर नगर में रह रहा है। पता चला कि असलम अन्य एजेंटों के साथ मिलकर जाली दस्तावेज का उपयोग कर बांग्लादेशियों घुसपैठियों को भारत में बसाने में शामिल है। असलम को गिरफ्तार कर लिया गया। उसने बताया कि वह नोआखली, बांग्लादेश का रहने वाला है। उसके पास से एक आधार कार्ड और एक बांग्लादेशी पहचान पत्र मिला। उसके खिलाफ न्यू फ्रेंड्स कालोनी थाने में मामला दर्ज कर लिया गया।
जांच के बाद कलटली, असम से छह बांग्लादेशी घुसपैठियों और पांच भारतीय एजेंट को गिरफ्तार किया गया। बांग्लादेशी घुसपैठियों से फर्जी भारतीय पहचान पत्र पर तैयार किए गए 11 आधार कार्ड, पहचान प्रमाण वाले बांग्लादेशी दस्तावेज, एक कंप्यूटर, चार कंप्यूटर हार्ड डिस्क, एक लैपटॉप, कलर प्रिंटर, नेत्र और फिंगर प्रिंट स्कैनर, जाली जन्म और जाति प्रमाण पत्र, सिम कार्ड, नौ मोबाइल फोन समेत 19170 रुपये बरामद किए गए हैं। पुलिस अधिकारी के मुताबिक चांद मियां की निशानदेही पर चेन्नई में भी 33 बांग्लादेशी घुसपैठिये पकड़े गए हैं। पुलिस पूछताछ में पता चला कि चांद मियां घुसपैठियों से बार्डर पार करवाने के एवज में 25 हजार रुपये लेता था। वह एक बार में आठ से 10 बांग्लादेशियों को बार्डर पार करवाता था। दिल्ली में फर्जी दस्तावेज तैयार कर उनके भारतीय होने का ठप्पा लगा दिया जाता था।वह पिछले करीब 12 साल से घुसपैठ करा रहा था। चांद मियां जिन लोगों को बॉर्डर पार कराता था, लुकमान उन्हें गुवाहाटी रेलवे स्टेशन से दिल्ली या देश के अन्य हिस्सों में भेजने में मदद करता था।