कोरबा। सरकारी कर्मचारियों के लिए राज्य सरकार ने 5 प्रतिशत महंगाई भत्ता बढ़ाने की घोषणा एक दिन पहले की लेकिन इसका कोई असर नहीं पड़ सका। अपनी मांग को लेकर कर्मचारियों की हड़ताल जारी है। उनका साफ तौर पर कहना है कि केंद्रीय कर्मियों के महंगाई भत्ते की तुलना में वे अभी भी 10 प्रतिशत पीछे है। जब तक यह खाई नहीं पाटी जाती, विरोध जारी रहेगा। कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन के आह्वान पर प्रदेश भर में कर्मचारी हड़ताल पर हैं। उन्होंने वेतन विसंगति से लेकर पेंशन और स्थानांतरण पर लगे प्रतिबंध को हटाने की मांग दोहराई है। शिक्षा से लेकर लगभग सभी विभागों में इस तरह की समस्याएं हैं जिसके चलते कर्मियों ने हड़ताल का रूख अपनाया है। इसमें ज्यादातर संख्या संविदा अथवा संविलियन श्रेणी में शामिल हो चुके कर्मियों की बताई जा रही है। संविदा पर काम कर रहे कर्मियों ने नियमितिकरण के साथ-साथ वेतन और कामकाज के घंटे को लेकर निश्चित शेड्यूल बनाने का दबाव तेज किया है। उनका कहना है कि जब दूसरे विभागों के हमारे जैसे कर्मी अन्य नियम से काम कर रहे हैं तो हमारे लिए अलग नियम कैसे हो सकते हैं। उधर शिक्षा विभाग में हड़ताली कर्मियों ने पेंशन के लिए 33 वर्ष की आयु को 20 वर्ष करने के लिए कहा है। यह नियम अन्य मामलों में शामिल है। इसके साथ ही महंगाई भत्ता से लेकर स्थानांतरण और तमाम तरह की सुविधाओं की मांग शिक्षकों ने की है। हड़ताल के चक्कर में प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय का पठन-पाठन सर्वाधिक प्रभावित हुआ है। हड़ताल लंबी चल सकती है इसलिए ऐसे विद्यालयों की जिम्मेदारी उच्च कक्षाओं के शिक्षकों को दी गई है। कहा गया है कि व्यवस्था बनने तक उन्हें निचली कक्षाओं में अध्यापन कराना होगा।