नईदिल्ली, २५ दिसम्बर ।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने मंगलवार को दो राज्यों में नए राज्यपाल की नियुक्ति के साथ तीन राज्यों में स्थानांतरण किया है। इसे राजनीतिक रूप से अहम माना जा रहा है। लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने के बाद जनरल वीके सिंह को मिजोरम का राज्यपाल बनाया गया है। वहीं, वैचारिक रूप से केरल की वामपंथी सरकार को चुनौती देने वाले आरिफ मोहम्मद खान को बिहार का नया राज्यपाल बना गया है। जबकि बिहार के राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ अर्लेकर को केरल भेजा गया है। ओडिशा के राज्यपाल रघुवरदास का इस्तीफा स्वीकार कर मोदी सरकार ने उनकी सक्रिय राजनीति में वापसी के संकेत दिए हैं। ओडिशा में रघुवरदास की जगह मिजोरम के राज्यपाल हरी बाबू खंभनपति को राज्यपाल बनाकर भेजा गया है।
खंभनपति की जगह जनरल वीके सिंह को मिजोरम का राज्यपाल बना गया है। मिजोरम जैसे सीमावर्ती राज्य और वहां के नए मुख्यमंत्री जोराथंबा के अमेरिका में राष्ट्रीय एकता के खिलाफ बयान को देखते हुए जनरल वीके सिंह को राज्यपाल का जिम्मा सौंपने को अहम माना जा रहा है। वहीं, एक साल भीतर विधानसभा चुनावों को देखते हुए आरिफ मोहम्मद खान को बिहार का राज्यपाल बनाए जाने को भी अहम माना जा रहा है। खान कट्टरपंथी इस्लाम के घोर विरोधी रहे हैं और मुस्लिमों के मुख्यधारा में लौटने के समर्थक रहे हैं। इसी तरह से पिछले पांच वर्ष से गृह सचिव के रूप में मणिपुर समस्या को करीब से देखने वाले अजय भल्ला को वहां का राज्यपाल बनाकर भेजा गया है। माना जा रहा है कि भल्ला वहां कुकी और मौतेयी समुदाय के बीच पैदा हुई गहरी खाई को पाटकर उन्हें बातचीत पर राजी करने की कोशिश करेंगे। राष्ट्रपति द्वारा ओडिशा के राज्यपाल रघुवरदास का इस्तीफा स्वीकार किए जाने को उनके झारखंड में सक्रिय राजनीति में लौटने के संकेत के रूप में देखा जा रहा है। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवरदास को पिछली विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद ओडिशा का राज्यपाल बनाया गया था। लेकिन पिछले महीने विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिली करारी हार के बाद उनके फिर से सक्रिय राजनीति में लौटने के कयास लगाए जा रहे थे।