तय लक्ष्य का 50 फीसदी काजू प्रोसेस हो रहा जामपानी की यूनिट में

कोरबा। स्टार्टअप और आत्मनिर्भरता के साथ कदमताल करते हुए कोरबा जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों ने अपने लिए खुद का रास्ता चुन लिया है। जामपानी गांव में महामाया समूह के द्वारा काजू प्रोसेसिंग यूनिट इसका उदाहरण बनी हुई है लोग इससे जुडक़र अच्छा फायदा ले रहे हैं।
छोटे से गांव जाम पानी में कुछ वर्ष पहले ही काजू प्रोसेसिंग यूनिट की शुरुआत की गई । यहां अब बड़ी मशीन लगाई गई है, जहां पर काजू की प्रोसेसिंग करने के साथ उसे फल निकालने का काम इस तरीके से होता है। इस यूनिट में काम करने वाले कर्मचारियों ने बताया कि महामाया महिला समूह के द्वारा जिम्मेदारी निभाई जा रही है। वर्तमान में प्रतिदिन 2 से 3 क्विंटल काजू की प्रोसेसिंग की जा रही है। तीन ग्रेड में तैयार होने वाले काजू के लिए हमें अधिकतम मूल्य रुपए 1100 एक किलो के लिए प्राप्त हो रहा है। इस यूनिट के हेड दिनेश तिवारी ने बताया कि लक्ष्य तो 6 क्विंटल प्रतिदिन प्रोसेसिंग करने का है लेकिन इसकी आधी मात्रा ही हम यहां पर कर पा रहे हैं। कोरबा जिले में फूड प्रोसेसिंग यूनिट का यह शुरुआती स्तर है। जिले में टमाटर से लेकर दूसरे उत्पाद भी व्यापक पैमाने पर प्राप्त हो रहे हैं। अगर इन पर आधारित फूड प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना जिले में हो जाती है तो लोगों को अपनी फसल की अच्छी कीमत मिल सकेगी और उन्हें आसपास के बाजार पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।

RO No. 13467/ 8