रायपुर। मंत्रालय के अफसरों ने फाइल नस्तीबद्ध करने का आदेश निकाला है, उसमें लिखा है कि विभागीय जांच अधिकारी ने 2020 में रिपोर्ट सौंपी थी, उसका परीक्षण किया गया और केस को समाप्त किया जाता है। आदेश में इसका कोई जिक्र नहीं है कि जांच अधिकारी याने बिलासपुर संभागीय कमिश्नर ने जांच रिपोर्ट में अफसर को बरी किया है या दोषी ठहराया है। मंत्रालय के अफसरों ने चार साल से पड़ी विभागीय जांच रिपोर्ट को क्लोज करते हुए 20 नवंबर 2024 को फाइल नस्तीबद्ध करने का आदेश निकाल दिया। आदेश हैरान करने वाला है क्योंकि उसमें अफसर के खिलाफ आरोप क्या था, इसका भी जिक्र नहीं है। बता दें, 2014 में राज्य प्रशासनिक सेवा के 2008 बैच के अधिकारी तीर्थराज अग्रवाल रायगढ़ में एसडीएम थे, उस समय एनटीपीसी के लारा प्रोजेक्ट के लिए भूअर्जन चल रहा था। उसमें इतना बड़ा खेल हुआ था कि तत्कालीन कलेक्टर मुकेश बंसल भी हिल गए थे। उन्होंने नाराज होकर इसकी जांच कराई और 1300 पेज की जांच रिपोर्ट सरकार को भेजी। कलेक्टर ने एसपी राहुल भगत से बात कर पुलिस में मुकदमा भी दर्ज कराया था।