वेतन में 5000 का अंतर, टोल प्लाजा के स्थानीय कर्मी भडक़े

नाराजगी जताई तो प्रबंधन ने दो दिन का मांगा समय
कोरबा। नेशनल हाईवे 130 के कोरबा जिले में चोटिया स्थित टोल प्लाजा के कर्मचारियों ने भेदभाव का आरोप लगाकर बुधवार को सांकेतिक प्रदर्शन किया। वे अन्य कर्मचारी के जितना वेतन चाहते हैं प्रबंधन ने नेशनल हाईवे अथॉरिटी के उच्च अधिकारियों से मिलकर बीच का रास्ता निकालने के लिए 2 दिन का समय मांगा है।
कोरबा जिले को अंबिकापुर से जोडऩे वाले नेशनल हाईवे संख्या 130 का निर्माण भारत सरकार के द्वारा पिछले वर्षों में कराया गया। सरकार की व्यवस्था के अंतर्गत इस प्रकार के कार्यों की लागत निकालने के लिए वसूली की जा रही है। 60 किलोमीटर की दूरी पर वैसे विकल्प सुनिश्चित किए गए हैं। वाहनों की क्षमता के हिसाब से टोल लेने का नियम है। कोरबा जिले के पौड़ी उपरोड़ा सबडिवीजन में चोटिया में टोल प्लाजा संचालित हो रहा है जिसमें पर्याप्त संख्या में कर्मचारियों को नियोजित किया गया है। टोल ठेकेदार के द्वारा स्थानीय और बाहर के कर्मचारी संबंधित व्यवस्था के लिए रखे गए हैं। ठेकेदार ने वेतन का निर्धारण इस तरह से किया है जिससे कर्मचारियों में नाराजगी है।
चोटिया, बनिया और लमना क्षेत्र की युवतियां टोल प्लाजा में काम कर रही है, जिनका कहना है कि उन्हें काम के बदले केवल 8000 रुपए वेतन के रूप में दिए जा रहे हैं, जो कम है। जबकि बाहर से वास्ता रखने वाले कर्मचारियों को कंपनी लगभग 13000 रुपए तक वेतन का भुगतान और अन्य सुविधाएं दे रही है। स्थानीय कर्मचारियों ने समानता के सिद्धांत पर काम करने की बात कही और इसी मुद्दे को लेकर आज जनप्रतिनिधियों के साथ यहां प्रदर्शन किया। इस धारा टोल प्लाजा का कॉन्ट्रैक्ट संभाल रही कंपनी ने उच्च अधिकारियों को इस मसले से अवगत कराने और व्यवस्था ठीक कर रहे की बात कही है। उसकी ओर से दो दिन का इंतजार करने कहा गया है।

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