पचरा में उत्पात मचा रहे 53 हाथी, दहशत में ग्रामीण

कोरबा। जिले के कटघोरा वनमंडल के एतमानगर रेंज के पचरा बीट में 53 हाथियों का दल विगत एक सप्ताह से डेरा डाला हुआ है।
हाथियों का दल दिनभर जंगल में विश्राम करने के बाद रात में निकलता है और खेतों में पहुंचकर वहां पककर तैयार धान की फसल को चट कर दे रहा है। हाथियों का उत्पात लगातार जारी रहने से क्षेत्र के ग्रामीण दहशत में हैं। उन्हें यह डर सता रहा है कि अब तक खेतों में उत्पात मचाने वाला हाथी कहीं बस्ती में न घुस जाए तथा जान-माल को बड़ा नुकसान पहुंचा दे। हाथियों के उत्पात से सबसे ज्यादा पचरा गांव के लोग प्रभावित हैं। जिसके द्वारा वन विभाग से हाथियों से फसल की सुरक्षा की गुहार लगाई जा रही है लेकिन विभाग का अमला तमाम कोशिश करने के बावजूद उन्हें राहत नहीं दे पा रहा है और ग्रामीण नुकसानी सहने को मजबूर हैं। ग्रामीणों को सबसे ज्यादा दुख तब हो रहा है जब हाथी उनकी खेतों में पहुंचकर तैयार फसलों को तहस-नहस कर दे रहे हैं, वो भी ऐसे समय में जब वे काफी मेहनत के बाद इसे तैयार किए हैं और खलिहान लाने की तैयारी में हैं। ग्रामीण अपनी फसल को लेकर कई अरमान भी पाले हैं। कोई इसे बेचकर बाल-बच्चों की शादी के बारे में सोच रहा है तो कोई अन्य जरूरी कामकाज निपटाने की मानसिकता में है। याद रहे बड़ी संख्या में हाथियों ने कटघोरा वनमंडल को अपना बसेरा बना लिया है। यहां के जंगल में हाथियों की मौजूदगी बारहों महीने बनी रहती है। हाथियों का दल कभी डिविजन के ऐतमानगर में डेरा डालता है तो कभी केंदई व पसान रेंज में। बीच-बीच में जटगा के जंगल भी पहुंच जाया करते हैं।
इस बीच कोरबा वनमंडल के करतला रेंज में सक्रिय 37 हाथियों के दल में से 9 हाथी फिर अलग होकर करतला व धरमजयगढ़ डिविजन के बार्डर पर स्थित धसकामुड़ा जंगल पहुंच गए हैं जबकि 28 हाथी केराकछार क्षेत्र में विचरण कर रहे हैं। हाथियों के दोनों ही दलों ने जिले के रामपुर, सेंद्रीपाली व बांधापाली में धान की फसल को नुकसान पहुंचाया है। जिसकी सूचना पीडि़तों द्वारा दिए जाने पर वन अमला मौके पर पहुंचकर नुकसानी के आंकलन में जुट गए हैं।

RO No. 13467/ 8