कोरबा। आउटसोर्सिंग को बढ़ावा देने समेत अनेक श्रम नीतियों के विरोध में देशव्यापी हड़ताल का कोरबा जिले के अंतर्गत साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड की खदानों में मिला-जुला असर रहा। जनरल और प्रथम शिफ्ट में यहां रिकॉर्ड 55 $फीसदी उपस्थिति दर्ज की गई। कुसमुंडा में 30 $फीसदी उपस्थिति की जानकारी मिली है। जबकि कोरबा जिले और कंपनी के अन्य क्षेत्रों में जनरल शिफ्ट और प्रथम शिफ्ट में बड़ी संख्या में कामगार नहीं पहुंचे और वहां उत्पादन को झटका लगा। ट्रेड यूनियन हड़ताल को सफल बनाया है लेकिन प्रबंधन आंकड़ों के आधार पर क्या रहा है कि उसने अपनी खदानों में आज भी अच्छा प्रदर्शन किया।
सूचनाओं के अनुसार साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के लिए सबसे ज्यादा उत्पादन करने वाले कोरबा जिले में मेगा माइंस गेवरा में हड़ताल को 90 फीसदी सफलता मिली। दीपिका क्षेत्र में 45 $फीसदी और कुष्मांडा क्षेत्र में 70 $फीसदी सफलता की सूचना है। अधिकतम भूमिगत खदान वाले कोरबा क्षेत्र में 70 $फीसदी कामगारों के कामकाज पर नहीं जाने से उत्पादन बाधित होने का पता चला है।
सूचना में कहा गया कि सूरजपुर जिले के भटगांव में जनरल और प्रथम शिफ्ट में उपस्थित बाधित रही। रायगढ़, मध्य प्रदेश के शहडोल जिले के अंतर्गत सोहागपुर,चिरमिरी, बैकुंठपुर और जोहिला में हड़ताल का मिलाजुला असर रहा।
पहले यह हड़ताल में महीने में की जानी थी जिसे पहलगाम अटैक और उसके बाद बनी परिस्थितियों को देखते हुए आगे के लिए बढ़ा दिया गया था। भारतीय मजदूर संघ ने पहले ही नीतिगत कारणों से इस हड़ताल से किनारा कर लिया था। शेष ट्रेड यूनियन के आवाहन पर कोल इंडिया की सभी कंपनियों में यह हड़ताल की गई। साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड में यूनियन के प्रयासों से हड़ताल से सफलता मिलने की बात कही जा रही है। श्रमिकों की एकता उनकी मांगों और अधिकारों को लेकर में पावर के बीच से एक मजबूत संदेश देने का काम किया गया। जानकारी मिली है कि अपनी मांगों को लेकर कामगारों के द्वारा खदानों के साथ-साथ वर्कशॉप और अन्य क्षेत्रों में कामकाज से दूरी बनाई गई। इस वजह से माइंस में प्रोडक्शन के साथ-साथ ओवर बर्डन हटाने एवं ट्रांसपोर्टिंग जैसी गतिविधियां ठप्प रही । फिर भी अपने स्तर पर साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड प्रबंध के द्वारा हड़ताल के प्रभाव को काफी हद तक काम करने के लिए कोशिश की गई। एसईसीएल की संचालन समिति की बैठक में इस मुद्दे पर पहले मंत्रणा की गई। अधिकारियों ने अपने स्तर पर वातावरण बनाने का प्रयास किया कि पहले ही अलग-अलग कारणों से कोयला उत्पादन में गिरावट आई है और दूसरी चुनौतियां हमारे सामने है इसलिए अनावश्यक इस प्रकार की स्ट्राइक को टाला जाए। इतने सारे प्रयत्नों के मौजूद और उसने अपना मिला जुला असर दिखाया।
गेवरा में चार स्थानों पर फोकस
हड़ताल को लेकर चार श्रमिक संगठनों में चार अलग अलग स्थानों पर फोकस किया सुबह 5 बजें से ही यूनियन के प्रतिनिधि यहां पहुंच गए थे। श्रमिक चौक स्टोर विजय नगर चौक व ऊर्जा नगर चौक पर पहुंचकर कोयला कामगारों से निवेदन करते नजर आए यहां पर रेशम लाल यादव, दीपक उपाध्याय , जीवराखन चंद्रा, डीके मिश्रा, छंद राम यादव, ग्रीरिस शुक्ला एमपी सिंह मौजूद थे।
निरीक्षण करते रहे खदानों का
हड़ताल को सफल बनाने के लिए एसकेएमएस ने धर्मा राव बगदेवा ढेलावडीह व सिंघाली खदान स्थल पर जाकर कामगारों से मिलते रहे। इसके अलावा एसईकेएमसी के केन्द्रीय अध्यक्ष गोपाल नारायण सिंह पूरे एसईसीएल क्षेत्र में किए जा रहे हड़ताल की रिपोर्ट लेते रहे। एचएमएस के अजीत पाण्डेय व सुरेन्द्र मिश्रा भी कई ईकाईयों में गए।
सर्वमंगला मंदिर चौक पर एकत्रित हुए प्रतिनिधि
कुसमुंडा क्षेत्र में हड़ताल को लेकर तीन स्थानों पर प्रतिनिधि एकत्रित हुए सर्वमंगला नगर चौक के अलावा बरमपुर इमली छापर चौक में एकत्रित होकर कामगारों से मुलाकात करते रहे । इस दौरान सॉजी जान , एनकेसिंह, राजू सोनी, सोनू पटेल, बीडीमहंत सहित अन्य कार्यकर्ता थे।
ईकाईयों में नारे बाजी
दीपका क्षेत्र में कल चार श्रमिक सगठनों ने बैठक बुलाकर रणनीति बनाई थी। श्रमिक चौक में आज सुबह गिरजा साहू रामकुमार कौशिक , सतीश सिंह, उदयन , विनोद यादव सहित अन्य कार्यकर्ता हडुताल को सफल बनाने के लिए नारे बाजी करते रहे। मानिकपुर में प्रमोद बनर्जी , रामफल साहू, सुबु्रत दास, नर्सिग मुर्ति, उज्जल बनर्जी, केन्द्रीय कर्मशाला में दिलीप सिंह भागवत साहू, संतोष टडऩ, राजेश पाण्डेय रजागामार में रामनाथ कश्यप , राजेश साहू, बगदेवा में अशोक सिंह धनी राम उदेश्वर नायक सरईपाली में राजेश साहू कृष्णा तिवारी सहित अन्य कार्यकर्ता सक्रिय नजर आए ।