जांजगीर नैला । मनरेगा योजना के तहत जिले के 67 आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए 7 करोड़ की लागत से भवनों का निर्माण किया गया है लेकिन निर्माण एजेंसी पंचायतों को अब तक इसकी फूटी कौड़ी नहीं मिली है। ऐसे में पंचायत प्रतिनिधियों की बड़ी राशि फंसी हुई है। क्योंकि ऐसे कार्यों के क्रियान्वयन एजेंसी पंचायतों को बनाया गया है। यदि ऐसे में पंचायतों को समय राशि नहीं मिली तो सरपंचों की राशि फंस जाएगी। इसके चलते सरंपच सचिव अच्छे खासे परेशान हैं।
गौरतलब है कि जिले के चार विकासखंडों में 67 आंगनबाड़ी केंद्र बनाए गए हैं। जिसमें मजदूरी राशि 1.21 लाख, सामाग्री राशि 6.79 लाख मिलाकर 8 लाख रुपए हो रही है। इसके अलावा महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से 2-2 लाख एवं 15 वें वित्त की राशि 1.69 लाख रुपए मिलाकर 11 लाख 69 हजार रुपए पंचायतों को मिलना है। पंचायत विभाग अपने स्तर से राशि रिलीज कर चुकी है लेकिन महिला एवं बाल विकास विभाग का अनुमोदन होना बाकी है। इसके चलते राशि अटकी हुई है। यदि महिला एवं बाल विकास विभाग में इस पर गंभीरता से संज्ञान ले तो पंचायतों को राशि मिल जाएगी। सरपंचों को भी उनके कार्यों का भुगतान हो जाएगा। मौजूदा हालात यह है कि यदि पंचायत चुनाव के लिए चुनाव आचार संहिता लग जाएगी तो सरपंचों को राशि नहीं मिल पाएगी। इसके चलते सरपंच परेशान हैं।
महात्मा गांधी नरेगा विभाग के आदेश के मुताबिक 17 जुलाई 2024 को कलेक्टर के अनुमोदन के पश्चात नरेगा रोजगार गारंटी योजना नरेगा, 15 वें वित्त एवं महिला एवं बाल विकास विभाग के द्वारा उक्त कार्य को किया जाना था। सभी कार्य पूर्ण हो चुके हैं, लेकिन राशि अब तक नहीं मिल पाई है। ऐसे में सरपंचों का गला फंसा हुआ है। यदि जिला पंचायत चाहे तो उक्त राशि तत्काल जारी कर सकता है। सूत्रों के मुताबिक महिला एवं बाल विकास विभाग से फाइल अनुमोदित नहीं हो पाई है। इसके कारण फाइल अटकी हुई है।