14 दिन विश्राम करने के बाद लौटेंगे मंदिर
कोरबा । कोरबा नगर में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा निकालने की वर्षो पुरानी परंपरा हैं। इसकी तैयारी मंदिर प्रबंधन ने शुरू कर दी है। अक्षय तृतीया को मुहूर्त के अनुसार काम शुरू कर दिया गया है। 6 जुलाई को रथ सजेगा और 7 जुलाई को रथ यात्रा निकाली जाएगी। जगनाथ मंदिर दादाखुर्द के पुजारी ने बताया कि 22 जून को भगवान जगन्नाथ, माता सुभद्रा और बलभद्र स्वामी का 51-51 मिट्टी के कलश से औषधीय स्नान कराने की परंपरा निभाई जाएगी। महास्नान के बाद वे 14 दिनों के एकांत में चले जाएंगे। मान्यता है कि भगवान जगन्नाथ बीमार हो जाते हैं और स्वास्थ्य लाभ लेने 14 दिनों के लिए एकांतवास में चले जाते हैं। इसके कारण श्रद्धालुओं को उनके दर्शन नहीं हो पाता है। भगवान जगन्नाथ 6 जुलाई को नेत्र उत्सव के साथ आम श्रद्धालुओं को दर्शन देने दर्शन मंडप में पधारेंगे। रथयात्रा के दिन जो बेटियां ससुराल में होती हैं, ये मायके आती हैं। साथ ही अन्य रिश्तेदार भी रथयात्रा में शामिल होते हैं।कोरबा ही नहीं वरन आस-पास के जिलों में भी ग्राम दादरखुर्दकी रथ यात्रा काफी लोकप्रिय हैं। मंदिर समिति के कृष्णाद्विवेदी के अनुसार दादर में लगभग 123 साल से रथ यात्रा निकाली जा रही है। इसके कारण यहां की लोकप्रियता लोगों में बनी हुई है। इस बार भी यहाँ रथयात्रा का उत्साह लोगों को देखने मिलेगा। मंदिर की साफ-सफाई, रंग-रोगन के साथ ही जरूर कार्य निपटाए ना रहे हैं। जल्द ही रथ को तैनार करने का काम भी शुरू हो जाएगा।रथयात्रा के दिन दादर क्षेत्र में मेला का माहौल रहता है, जहां बड़ी संख्या में छोटे-छोटे व्यापारियों की दुकानें लगती हैं, जहां लोग अपनी जरूरत के सामान की खरीदारी करते हैं। इस बार भी व्यापारियों के लिए मंदिर प्रबंधन समिति की ओर से मेला लगाने आगे आने कहा गया है। जिला व नगर प्रशासन के साथ मिलकर रथयात्रा उत्सव पर व्यवस्था सुचारू बनाने तैयारी की जाएगी। साथ ही पुलिस-प्रशासन से मेला स्थल पर किसी तरह की अव्यवस्था न हो, इसलिए सुरक्षा बल तैनात करने मांग की जाएगी।