मुंबई। अरब सागर में एलीफेंटा गुफाओं के पास गश्त कर रही सीआईएसएफ की गश्ती नाव शेरा-1 बुधवार दोपहर को नीलकमल मोटरबोट से 72 यात्रियों को बचाकर जीवन रक्षक बन गई। गेटवे ऑफ इंडिया से एलीफेंटा गुफाओं की तरफ जा रही नौका बुचर द्वीप के पास एक नौसेना की स्पीड बोट से टकराने के बाद पलट गई।सीआईएसएफ के एक अधिकारी ने कहा कि हमारी गश्ती नाव उस क्षेत्र में थी, जहां मोटरबोट के साथ हादसा हुआ। गश्ती नाव पर सवार सीआइएसफ के अधिकारी तुरंत यात्रियों को बचाने के लिए नीलकमल की ओर रवाना हुए और दुर्घटना के कुछ ही मिनटों के भीतर कम-से-कम 72 लोगों को बचा लिया।भीड़भाड़ के चलते मोटरबोट पर चढऩे में असफल रहे कुछ पर्यटक अब नाव छूट जाने के लिए अपने भाग्य को धन्यवाद देते नहीं थक रहे हैं। नौका हादसा की पूरी घटना उन्होंने प्रत्यक्ष देखी, क्योंकि उनका जहाज भी नीलकमल के पीछे-पीछे अलीबाग तक उसी रास्ते से जा रही थी।मेहरुन्निशा नामक पर्यटक ने कहा कि हमने अपनी आंखों के सामने नौका को डूबते हुए देखा। मैं ऊपर वाले की शुक्रगुजार हूं कि मैं उस नौका पर नहीं थी, जो डूब गई। हम नीलकमल पर सवार होने वाले थे, लेकिन उसमें बहुत अधिक भीड़भाड़ होने के कारण हमने ऐसा नहीं करने का फैसला किया।उन्होंने कहा कि यह बहुत ही भयावह घटना थी। मेहरुन्निशा ने कहा कि जब यह दुर्घटना हुई, तब हमारा परिवार एलीफेंटा गुफाओं की ओर जा रहा था। उस समय हम लोग दूसरे जहाज पर सवार थे।नीलकमल नौका पर सवार गणेश ने स्पीड बोट को मोटरबोट की ओर तेजी से आते देखा। वह इसके डेक पर खड़े थे। उनके मन में विचार आया कि जो होना है, वह होकर ही रहेगा। उन्होंने कहा, मैं अरब सागर और मुंबई के क्षितिज की ओर देख रहा था। नीलकमल नौका तट से लगभग आठ से 10 किलोमीटर दूर थी। मैंने देखा कि एक स्पीड बोट हमारी नौका के पास पूरी गति से चक्कर लगा रही थी।स्पीड बोट में सवार एक नौसेना कर्मी की दुर्घटना में पैर कट जाने से मौत हो गई। जैसे ही स्पीड बोट हमारी मोटरबोट से टकराई, समुद्र का पानी इसमें आने लगा। इसके बाद मोटरबोट के कप्तान ने यात्रियों से लाइफ जैकेट पहनने को कहा, क्योंकि नाव पलटने लगी थी। मैंने लाइफ जैकेट ली, ऊपर गया और समुद्र में कूद गया।
मैं 15 मिनट तक तैरता रहा, जब मुझे पास में मौजूद एक अन्य नाव ने बचाया।कर्नाटक के उडुपी जिले के रहने वाले अनस इस्तियाग और रिहा की शादी हाल ही में 30 नवंबर को हुई थी। शादी के बाद हनीमून मनाने पहले वे कश्मीर गए और फिर मुंबई आए। उन्होंने एलीफेंटा गुफाओं को देखने का फैसला किया और गेटवे ऑफ इंडिया गए थे। जब यह दुर्घटना हुई, तब वे नीलकमल में सवार थे। उन्होंने लाइफ जैकेट पहन रखी थी। स्पीड बोट से टकराने के बाद मोटरबोट दो हिस्सों में टूट गई। इसमें पानी जमा होना शुरू हो गया। बचाव दल के सदस्यों ने दोनों को बचा लिया।