
आसान और सावन में बरसे बदरा, जलस्तर हुआ 355. 15 मीटर
कोरबा। छत्तीसगढ़ की बड़ी जल परियोजना में शामिल हरदेव बांगो बांध परियोजना में बरसाती पानी का प्रवेश लगातार हो रहा है। मौसम के अनुकूल तेवर से जल ग्रहण क्षेत्र में जल भराव होना जारी है। अब तक की बारिश से बांध की 75 $फीसदी प्यास को बुझाया जाना संभव हुआ है।
वल्र्ड बैंक और पूर्ववर्ती मध्य प्रदेश सरकार के सहयोग से पिछले दशक में इस परियोजना पर काम शुरू किया गया। 1992 में इस काम को पूरा किया जा सके और तब से लगातार यह कोरबा जिले के साथ-साथ जांजगीर चापा, शक्ति और रायगढ़ जिले की नागरिक आवश्यकताओं के अलावा खेती किसानी और उद्योगों को पानी उपलब्ध करा रही है। हसदेव बांगो बांध परियोजना की कुल क्षमता 473 मी है। शत प्रतिशत पानी का भराव होने पर बांध में इस स्थिति तक जलस्तर होता है।
हसदेव बांगो बांध परियोजना के कार्यपालन अभियंता अरविंद नीखरा ने तरुण छत्तीसगढ़ को बताया की इस वर्ष गर्मी के सीजन में रवि की फसल को काफी पानी उपलब्ध कराया गया और उसे समय बांध में केवल 26 $फीसदी पानी शेष रह गया था। इसे लेकर अलग-अलग स्तर पर चिंता जताई जा रही थी।
वर्ष 2025 में अब तक हुई बारिश के कारण बांध परियोजना में 75 $फीसदी जल भराव हुआ है। वर्तमान में 355.15 मी के स्तर पर पानी का भराव हो चुका है। जबकि बांध परियोजना की कुल क्षमता 473 मीटर से ज्यादा है। सावन महीने के बचे हुए दिन और भादो में होने वाली बारिश से बांध में और भी पानी की उपलब्धता होने का अनुमान है। आवश्यकता के आधार पर खरीफ सीजन की फसल के लिए कुछ क्षेत्रों में नहर के माध्यम से पानी छोडऩे की व्यवस्था कराई जाएगी।
पहाड़ी क्षेत्र के पानी पर निर्भरता
कोरबा जिले में पौड़ी उपरौड़ा विकासखंड के माचाडोली पंचायत क्षेत्र में हसदेव बांगो बांध परियोजना मध्य प्रदेश के दौरान तैयार की गई थी जो तब से लेकर अब तक न केवल कोरबा बोल के आसपास के जिलों के लिए वरदान साबित हो रही है। बताया गया कि इस परियोजना में पानी के लिए पहाड़ी क्षेत्र पर निर्भरता बनी हुई है। कोरिया और महेंद्रगढ़ क्षेत्र में होने वाली बारिश के माध्यम से हसदेव में पर्याप्त पानी आता है और वह यहां तक अपनी मौजूदगी दर्ज कराता है। लगभग 100 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए पानी यहां तक पहुंचता है।
उद्योगों के लिए बड़ी भूमिका
खास तौर पर छत्तीसगढ़ राज्य बिजली बोर्ड, नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन की परियोजनाओं के अलावा दूसरे संयंत्र को उनकी जरूरत के लिए पानी देने का काम हासे बांगो बांध परियोजना कर रही है। इसके साथ ही बांध के नजदीक 120 मेगावाट की मिनीमाता हसदेव बांगो हाइडल पावर प्लांट का संचालन इसी पानी से किया जा रहा है । इस तरह से देखा जाए तो औद्योगिक प्रगति के मामले में यह परियोजना अपनी महत्वपूर्ण भागीदारी निभा रही है।
तब आती है गेट खोलने की नौबत
हसदेव बांगो बांध परियोजना में कुल 21 गेट की व्यवस्था की गई है। पानी को रोकने के लिए यह अपनी भूमिका निभाते हैं जबकि बांध में जरूरत से ज्यादा पानी होने की स्थिति में उसे नदी में रिलीज करने के प्रावधान है। 85 $फीसदी से ज्यादा पानी होने पर बांध के गेट खोलने की नौबत आती है। इसके लिए तकनीकी आधार पर पैरामीटर बने हुए हैं।
अरविंद नीखरा, ईई हसदेव बांगो बांध परियोजना