
बिलासपुर। दिवाली के ठीक पहले बिलासपुर जिले के रतनपुर में हुई एक बड़ी उठाईगिरी की वारदात ने व्यापार जगत में हड़कंप मचा दिया है। घटना में रायपुर निवासी सराफा व्यापारी किशोर रावल को निशाना बनाया गया, जो अंबिकापुर से रायपुर जा रहे थे। व्यापारी ने बताया कि रॉयल ट्रेवल्स की बस में सफर के दौरान सोते समय उनके बैग से करीब 90 लाख रुपये नकद और सोने-चांदी के जेवरात गायब हो गए। घटना सोमवार देर रात हुई, जब बस रतनपुर थाना क्षेत्र से गुजर रही थी। व्यापारी किशोर रावल के अनुसार, चोरों ने सुनियोजित तरीके से उनके बैग से नकद और जेवरात पार कर दिए। रायपुर पहुंचने के बाद जब व्यापारी ने बैग की जांच की, तो चोरी की जानकारी हुई। घटना की जानकारी मिलते ही किशोर रावल सीधे रतनपुर थाना पहुंचे और पुलिस को पूरी घटना बताई। पुलिस ने तत्काल अज्ञात चोरों के खिलाफ उठाईगिरी का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी। वरिष्ठ अधिकारियों ने भी मामले की मॉनिटरिंग शुरू कर दी है। रतनपुर पुलिस ने बस के स्टाफ, ड्राइवर और क्लीनर से पूछताछ शुरू की है। इसके अलावा, बस में यात्रा करने वाले अन्य यात्रियों की सूची भी जुटाई जा रही है। पुलिस अब रतनपुर क्षेत्र और रास्ते में लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाल रही है ताकि संदिग्धों की पहचान की जा सके। पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह वारदात सुनियोजित उठाईगिरी गिरोह द्वारा अंजाम दी गई हो सकती है, जो लंबे समय से यात्री बसों में सफर करने वाले व्यापारियों और यात्रियों को निशाना बनाता रहा है।
व्यापारियों ने बताया कि हाल ही में लगातार हो रही इस तरह की उठाईगिरी व्यापारिक सुरक्षा पर सवाल खड़े कर रही है। उन्होंने पुलिस प्रशासन से बसों में नियमित चेकिंग और सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने की मांग की है। व्यापारी किशोर रावल ने कहा कि बड़ी रकम और जेवरात लेकर बस में सफर करना हमेशा जोखिम भरा रहता है, और इस घटना से स्पष्ट हो गया कि यात्री सुरक्षा और बस सुरक्षा व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता है। पुलिस ने बताया कि प्रारंभिक जांच में संकेत मिले हैं कि आरोपी बस में यात्री बनकर सवार हुए थे और किसी स्टॉप पर उतर गए। अब पुलिस बस के रूट पर आने वाले सभी स्टॉपेज की पड़ताल कर रही है।
पुलिस टीम ने बिलासपुर और कोरबा जिले की सीमा पर स्थित मुख्य चेक पॉइंट्स पर अलर्ट जारी कर दिया है। इसके साथ ही सीआईडी और साइबर सेल की मदद से मोबाइल लोकेशन और संभावित संदिग्धों की कॉल डिटेल्स खंगाली जा रही हैं। साइबर सेल और मोबाइल लोकेशन ट्रैकिंग के जरिए पुलिस यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि आरोपी किस मार्ग से निकले और कहां से संपर्क में थे। सीसीटीवी फुटेज और बस स्टाफ से पूछताछ की मदद से पुलिस अब संभावित संदिग्ध गिरोह के सदस्यों की पहचान कर रही है।