
कोरिया पटना। नवजात शिशु की मौत के बाद परिजनों ने किया हंगामा। डियूटी में तैनात डाक्टर व नर्सों ने मांगी माफी मामला न निपटता देख जनप्रतिनिधियों ने पहुंचकर हंगामा को शांत करवाया।
कोचिला निवासी शषी पंड़ो पति विनोद पंड़ो प्रसव हेतु सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पटना में व सुरक्षित प्रसव हुआ दो दिन भर्ती के बाद 22 जुलाई की बीती रात नवजात शिशु की अचानक तबियत बिगड़ी तो परिजनों ने रात्रीकालिन डियूटी कर्मचारी डां. अरूण कुमार पासवान व डियूटी पर तैनात नर्सों ने नवजात शिशु को देखने में लेट लतिफी कर दिये जिसके कारण नवजात की मौत हो गई परिजनों ने यह आरोप लगाया कि डियूटी पर तैनात नर्सें सो रही थी व डाक्टर वहां पर मौजुद नहीं थे, डियूटी नर्स के कमरे का दरवाजा खटखटाने पर भी नर्सों ने दरवाजा नहीं खोला जबकी नर्सों ने बताया कि वे रात्री के दो बजे दूसरी डिलेवरी कराने में लगे हुए थे वहीं डाक्टर ने बताया कि उन्हें किसी ने भी नहीं बताया कि बच्चे की तबीयत खराब हो गई है, अस्पताल में परिजनों व स्टाफ का आरोप प्रत्यारोप चल ही रहा था कि इसी बीच काफी भीड़ लग गई और जिला पंचायत उपाध्यक्ष वेदान्ती तिवारी, जनपद पंचायत बैकुन्ठपुर उपाध्यक्ष आशा महेश साहू अस्पताल पहुंच गए व बढ़ते हंगामें को देख भीड़ को शांत करवाया। घटना की सूचना मिलते ही पटना में पदस्थ ब्लाक चिकित्सा अधिकारी बलवंत सिंह एवं विरेन्द्र सिंह, स्थानिय डाक्टर एके सिंह भी मौके पर पहंचे व सभी ने कहा कि डियूटी पर तैनात डाक्टर व नर्सों पर कार्यवाही होगी इसके बाद मामला शांत हुआ व नवजात के शव को लेकर परिजन अपने घर गए व मामला शांत हुआ।
बीएमओ डां. बलवंत सिंह
डियूटी पर तैनात डाक्टर अरूण कुमार पासवान को पटना से हटा कर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र नगर भेज दिया गया है व वेतन रोकने हेतु मुख्य चिकित्सा अधिकारी को पत्र प्रेषित किया गया है साथ ही मामले की जांच की जा रही है।
अरूण कुमार पासवान आरएमए
नवजात बच्चे की तबीयत खराब होने की जानकारी अटेंडर व डियूटी पर उपस्थित स्टाफ के द्वारा मुझे नहीं बताई गई व घटना रात को मेरे द्वारा कई आपातकालिन मरीजों को देखा गया व उनका ईलाज भी किया गया। व भोर में 4 बजे कर्मचारीयों से यह पूछ कर कि कोई कम्पलेन तो नहीं है इसके बाद मैं अपने कक्ष में चला गया।