
एचएमएस के प्रमुख पाण्डेय का दावा आया काम
-तरुण मिश्रा- कोरबा। कोल सेक्टर में कर्मचारियों के हितों के लिए काम करने वाले यूनियन अपनी-अपनी प्राथमिकता के तहत सरोकार दिखाते रहे है। सब की अपनी लाईन है और अपने एजेंण्डे। इसी पर वे काम करते है। इन सब के बीच पिछले दिनों कोल इंडिया ने 11वें वेतनमान के लागू होने के साथ कोल वर्कर्स को एरियर्स देने की घोषणा की। इसके लिए शेडयूल बनाया गया। कोल इंडिया आफिसर्स एसोसिएशन ने इसे दो राज्यों के हाईकोर्ट में चुनौती दी। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट जबलपुर ने कर्मचारियों के हित में एरियर्स पर बेन लगाने से इंकार कर दिया। खबरों के अनुसार आफिसर्स एसोसिएशन के द्वारा जबलपुर और बिलासपुर हाईकोर्ट में कोल इंडिया के द्वारा लिये गये निर्णय पर आपत्ति दर्ज कराई गईं थी और पिटीशन दायर करते हुए कहा गया था कि यह एकतरफा आदेश है और इसके कई पक्ष पर विचार करना जरूरी है। इसलिए तात्कालिक तौर पर एरियर्स भुगतान वितरण पर रोक लगानी चाहिए। यह मामला कोल कर्मियों के साथ-साथ उनके लिए काम करने वाले सभी मान्यता प्राप्त टे्रड यूनियनों की जानकारी में आया। ऐसे में यूनियनों की जिम्मेदारी क्या बननी चाहिए थी, यह स्वाभाविक रूप से उन्हें सोचने के साथ काम करना था। सबसे हैरान करने वाली बात यह रही कि पूरे प्रकरण में सिर्फ एचएमएस यूनियन के मुखिया और जेबीसीसीआई सदस्य नाथूलाल पाण्डेय ने आगे आकर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में आफिसर्स एसोसिएशन की याचिका के विरूद्ध खुद को प्रस्तुत किया। हाल में ही इस मामले की सुनवाई हुई जिसमें एचएमएस लीडर ने 4 घंटे तक बात रखी। पूरी दमदारी से उन्होंने अपने पक्ष को न्यायाधीशों के सम्मूख रखा और इस बात पर जोर दिया कि कोयला उत्पादन के मामले में लक्ष्य प्राप्ति से लेकर हर स्तर पर जाकर काम करने वाला वर्ग हमारे वर्कर्स हैं जो पूरे देश भर में अपनी क्षमता दिखा रहे हैं। देश की ऊर्जा जरूरतों के लिए कोयला की प्राप्ति के मामले में उनका योगदान सर्वविदित है। अब जबकि पिछले उत्पादन से लेकर संबंधित समिति के द्वारा दी गई रिपोर्ट और लागू वेतनमान के आधार पर एरियर्स देने का फैसला लिया गया है तब ऑफिसर्स एसोसिएशन की आपत्ति समझ से परे और अव्यवहारिक प्रतीत होती है। आखिरकार मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने बात को गंभीरता से लेते हुए एसोसिएशन के द्वारा लगाई गई उस आपत्ति को अस्वीकार कर दिया जिसमें वर्कर्स को दिए जाने वाले एरियर्स पर बेन करने की मांग की गई थी। छत्तीसगढ़ में भी करेंगे संघर्ष : नाथूलाल पांडेय कोल कर्मचारियों से जुड़ी सभी आवश्यकताएं और उनके हित हमारे लिए सबसे ज्यादा सर्वोपरि है। काफी समय से इस क्षेत्र में काम किया जा रहा है। कोल कर्मियों को एरियर्स देने से जुड़े मामले में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने हमें प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत पर जीत मिली है। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में भी हम अपनी बात रखेंगे।



































