वाराणसी। होटल हरि विलास में मंगलवार की रात भीषण आग लग गई। उसमें मौजूद पर्यटकों व कर्मचारियों ने बाहर भागकर जान बचाई। आग की ऊंची उठती लपटों से भयभीत अगल-बगल के घरों में रहने वाले भी घर छोड़कर भाग निकले। आग इतनी भीषण थी कि फायर ब्रिगेड की सात गाडिय़ों को आग बुझाने में एक घंटे का वक्त लग गया। गनीमत रही कि कोई जनहानि नहीं हुई। आग लगने की वजह शॉर्ट-सर्किट बताई जा रही है।लक्सा थाना क्षेत्र के श्रीनगर कॉलोनी में विजय मोदी का चार मंजिला होटल हरि विलास है। निचले तल पर रसोई, उसके ऊपर रेस्टोरेंट और सबसे ऊपर पार्टी के लिए रूफटॉप बनाया गया है। इसमें यात्रियों को ठहरने के लिए 27 कमरे भी हैं।रात लगभग साढ़े बजे पहली मंजिल के कोने से चिंगारी उठी, जो थोड़ी ही देर में आग में तब्दील हो गई। इसकी जानकारी जब तक होटल में मौजूद लोगों को होती तब तक आग ने बाहरी हिस्से में नीचे से ऊपर तक फाइबर व लकड़ी की सजावट को अपनी चपेट में ले लिया। इससे आग तेजी से फैली और सबसे ऊपरी हिस्से तक पहुंच गई।यहां मौजूद लकड़ी के फर्नीचर व सजावट आदि धू-धूकर जलने लगे। यह देखकर होटल में मौजूद कर्मचारी, रेस्टोरेंट में बैठे लोग जान बचाने के लिए बाहर की ओर भागने लगे। लोगों की चीख-पुकार सुनकर कॉलोनी के लोग जुट गए और कर्मचारियों की मदद से होटल के कमरों में मौजूद लोगों को बाहर निकालने लगे। थोड़ी ही देर में पूरे होटल से सभी लोग सुरक्षित बाहर निकल आए।सूचना मिलने के बाद लगभग 20 मिनट बाद भेलूपुर व चेतगंज फायर स्टेशन से सात गाडिय़ां मौके पर पहुंच गईं। मुख्य अग्निशमन अधिकारी आनंद सिंह राजपूत भी दल-बल के साथ आ गए। एक घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया गया। जब तक आग बुझाई जाती, तब तक होटल का काफी नुकसान हो चुका था। होटल मालिक विजय मोदी का कहना था कि उनका लाखों का नुकसान हुआ है। आकलन किया जा रहा है। राहत इस बात की है कि कोई जनहानि नहीं हुई।होटल के कर्मचारियों के मुताबिक, रेस्टोरेंट के पास मौजूद एसी चेंबर के पास आग की शुरुआत हुई। एसी चेंबर में शार्ट सर्किट से आग लगी थी। जब तक कर्मचारी कुछ समझते आग तेजी से फैली। कर्मचारियों और वहां मौजूद लोगों को कुछ नहीं सूझा और सभी जान बचाने के लिए बाहर की ओर भागे। कॉलोनी में पूरा दिन बिजली आती-जाती रही। इसकी वजह से होटल को बिजली की सप्लाई जेनरेटर से दी जा रही थी, जिस वक्त शॉर्ट सर्किट हुआ उसके कुछ देर पहले ही बिजली आई थी। कॉलोनी के लोगों का कहना है कि इस बार वोल्टेज कुछ ज्यादा ही था।आग की लपटें होटल हरि विलास के सटे मकानों तक भी पहुंच रही थी। इससे घबराए लोग घरों से बाहर निकल आए। होटल से सटे शिवनारायण के मकान में रहने वाले लोग भी घर से बाहर निकलने लगे। एक महिला घबराहट में पहले मंजिल से कूद पड़ी। गनीमत रही कि नीचे लोग मौजूद थे, जिन्होंने महिला को संभाला और उसे ज्यादा चोट नहीं पहुंची।आग लगने के बाद होटल हरि विलास में मौजूद सभी लोग बाहर निकलने लगे। होटल के पिछले हिस्से में रहने वालों को आग की जानकारी नहीं हो पाई थी तो होटल के कर्मचारियों व कॉलोनी के लोगों ने कमरों को दरवाजा पीटकर उन्हें आग की जानकारी दी और कमरे से निकालकर सुरक्षित बाहर लाए। एक कमरे में मौजूद तीन बुजुर्ग पर्यटक अपने कमरे में सो रहे थे। जब तक उनको जगाया जाता तब तक आग की लपटें तेज हो गईं। बड़ी मुश्किल से उनको बाहर निकाला जा सका।इतनी बड़ी आग से लडऩे के इंतजाम होटल में नजर नहीं आए। कुछ फायर इंग्सटीग्यूशर जरूर थे लेकिन होटल के कर्मचारी उसका इस्तेमाल नहीं कर पाए। होटल में ही विजय मोदी का परिवार रहता है। उनके आने-जाने के लिए अलग सीढ़ी और होटल, रेस्टोरेंट में आने-जाने वालों के लिए अलग सीढ़ी है। आग लगने के बाद इसी सीढ़ी से सभी को बाहर निकाला गया। आग लगते ही होटल में लगी लिफ्ट बंद हो गई थी।होटल की रसोई के साथ लगे कमरे में 13 गैस सिलेंडर थे कॉलोनी वासियों ने तत्परता दिखाते हुए उन्हें बाहर निकाल दिया। एक सिलेंडर सबसे ऊपरी तल पर भी था। हर किसी को डर था कि आग की वजह से फट न जाए। गनीमत रही कि आग बुझाने के बाद उसे भी हटा लिया गया।