कुसमुंडा एवं दीपका के सीजीएम उपस्थित रहें अतिथि के रूप में, शिक्षकों का किया सम्मान
कोरबा । दीपका स्थित इंडस पब्लिक स्कूल में शिक्षकों के सम्मान में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यालय की छात्राओं के कर्णप्रिय स्वागत गीत के साथ हुआ। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में संजय कुमार मिश्रा एम कुसमुंडा (एस ए सी एल) एवं विशिष्ट अतिथि अमित सक्सेना (जी एम दीपका)उपस्थित रहे ।
कार्यक्रम में विभिन्न कक्षा के विद्यार्थियों के द्वारा विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति दी गई । कार्यक्रम का प्रारंभ मुख्य अतिथियों को तिलक लगाकर एवं माँ सरस्वती की वंदना कर किया गया । इंडस पब्लिक स्कूल की छात्र-छात्राओं द्वारा कर्णप्रिय स्वागत गीत की प्रस्तुति दी गई । अतिथियों के स्वागत में विद्यालय के नृत्य प्रशिक्षक श्री हरिशंकर सारथी एवं श्रीमती रूमकी हलदर के दिशा निर्देशन में विद्यार्थियों ने बहुत ही सुंदर क्लासिकल नृत्य की प्रस्तुति दी गई । कार्यक्रम की अगली कड़ी में कक्षा-बारहवीं के छात्र-छात्राओं द्वारा एक खेल का आयोजन किया गया जिसमें शिक्षकों को एक पर्ची का चुनाव कर उसमें लिखे टास्क को पूरा करना होता था इस कार्यक्रम का भी बच्चों ने खूब लुत्फ उठाया । शिक्षक दिवस के इस यादगार कार्यक्रम इंडस पब्लिक स्कूल के प्राचार्य एवं मुख्य अतिथियों के द्वारा शिक्षक-शिक्षिकाओं को उपहार देकर सम्मानित किया गया । आगंतुक मुख्य अतिथियों के करकमलों से विद्यालय के शिक्षकों को सम्मानित करवाया गया।
मुख्य अतिथि संजय मिश्रा ने कहा कि हम जीवन में क्या बनते हैं या क्या करते हैं ये हमारी शिक्षा व शिक्षक पर निर्भर करता है । परिस्थितियों चाहे जो भी हो नजर हमेशा हमारी मंजिल पर होनी चाहिए। जिम्मेदारी और अनुशासन ही हमारी जिंदगी को नहीं दिशा देते हैं और हमारे जीवन को संवारने में सहयोग देते हैं। विगत कुछ वर्षों में शिक्षा का स्वरूप भले ही बदल गया है लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि गुरु तो गुरु ही होता है।शिक्षक समाज में अच्छे इंसान बनने व अच्छे नागरिक बनने में हमारी मदद करते हैं । क्यांकि अध्यापक जानते हैं कि विद्यार्थी देश का भविष्य है । किसी भी देश के भविष्य का निर्माण शिक्षकों के हाथ में है । हमें जीवन के हर कदम पर शिक्षकों की जरूरत है । शिक्षक न केवल छात्रों के लिए बल्कि समाज के लिए भी महत्वपूर्ण है । विशिष्ट अतिथि अमित सक्सेना ने अपने उद्बोधन में कहा कि विद्या से ही विनय आती है और विनय से पात्रता हमें प्राप्त होती है विद्या हमें विनम्र बनती है।हमे हमेशा शिक्षकों का सम्मान करना चाहिए। शिक्षकों से ही हमें सत्य-असत्य का ज्ञान होता है। हमें अपनी जिम्मेदारियों का एहसास कराने वाले हमारे गुरु ही होते हैं।हमें अपने शिक्षकों का जीवनभर एहसान मानना चाहिए। माता-पिता अपने बच्चों को प्यार करते हैं और देखभाल करते हैं लेकिन शिक्षक हमें सफलता के मार्ग पर भेजने की पुरी कोशिश करते हैं ताकि उनका भविष्य उज्ज्वल हो सके । शिक्षक हमारे जीवन से अज्ञान रूपी अंधकार को दूर कर ज्ञान रूपी प्रकाश की रश्मि फैलाती है
सब्यसाची सरकार (शैक्षणिक प्रभारी) ने कहा कि शिक्षक हमें जीना सिखाती है । हमारे संपूर्ण व्यक्तित्व का निर्माण शिक्षकों की कृपा से ही होता है । सही मायनों में शिक्षक हमें मानव बनाते हैं । विद्यालय के प्राचार्य डॉ. संजय गुप्ता ने कहा कि गुरु की महिमा युगों-युगों से महत्वपूर्ण रही है। गुरु के महत्व को हम किसी शब्दों में नहीं बांध सकते।हम जिससे भी सीखते हैं वो हमारे गुरु होते हैं।डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी के जीवन से हमें यही प्रेरणा मिलती है कि जीवन का प्रत्येक पल यदि हम गुरु को समर्पित करें तो वह भी कम होगा। गुरु ही हमें खुद की पहचान कराता है एवं जीवन की कठिनाइयों से अवगत कराकर उनका डटकर सामना करने की प्रेरणा देता है। गुरु का सम्मान सदियों से हुआ है और कई युगों तक होते रहेगा।कार्यक्रम का संचालन प्रियांशी पाठक एवं समृद्धि आर्य ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन हेड गर्ल स्नेहा चौरसिया ने किया एवं कार्यक्रम के अंत में राष्ट्रगान कर राष्ट्र को सम्मान दिया गया ।