शिमला, १९ सितम्बर ।
विपिन सिंह परमार ने कहा कि ये प्राकृतिक आपदा के साथ मानव द्वारा लाई गई त्रासदी भी है। प्रकृति ने मौका दिया है कि अभी भी संभल जाओ नहीं तो बहुत बुरा होगा। उन्होंने कहा कि प्रभावित लोगों को आपदा राहत राशि अधिकारी नहीं बल्कि कांग्रेस के नेता बांट रहे थे। इसमें बड़ी बंदरबांट हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि जिलों में आपदा प्रबंधन के लिए हुई बैठकों में चुने हुए विधायकों को बाद में बुलाया गया लेकिन जो हारे व नकारे लोग थे उनको बुलाकर उनसे सुझाव लिए गए। प्रदेश में मात्र 2 बांधों में अर्ली वार्निंग सिस्टम लगाया है जबकि प्रदेश में 23 बांध है। इन्हं नोटिस दिए जाएं ये उत्पादन कर लाभ कमा रहे हैं प्रभावितों को कुछ नहीं देते।इनसे प्रभावितों को राहत दिलाई जा सकती है। सरकार को डी.बी.टी के माध्यम से लोगों को राहत देनी चाहिए। उन्होंने आउटसोर्स कर्मचारियों का मामला भी उठाया और कहा कि उनको नौकरी से निकाल दिया गया है। उन्होंने क्रैशर बंद किए जाने का मामला उठाते हुए कहा कि एक व्यक्ति का क्रैशर चल रहा है।इस पर हस्तक्षेप करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई क्रैशर नहीं चल रहा है। यदि चल रहा होगा तो संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई होगी विपिन परमार ने कहा कि प्रदेश में सीमेंट मंहगा कर जनता पर मंहगाई की मार थोप रही है। सुक्खू ने केंद्र द्वारा दी जा रही मदद को लेकर विपिन सिंह परमार द्वारा आंकड़े दिए जाने को लेकर कहा कि जब ये हमें ठग रहे हैं तो जनता को तो और भी ज्यादा ठगते होंगे। विधायक राजेंद्र राणा ने कहा कि सभी विधानसभा क्षेत्रों में नुकसान हुआ है। ऐसे में केेंद्र को राज्य सरकार को मदद करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार अलग-अलग हैड में पैसा देती है, लिहाजा पिछले सालों में केेंद्र सरकार ने कितना पैसा दिया है, उसका आंकलन करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बड़े दिल वाले हैं 51 लाख रूपए की राशि राहत में प्रदान की है। विपक्ष द्वारा पत्र बम की बात करने पर राणा ने कहा कि वह जनप्रतिनिधि हैं और जनता की आवाज को उठाने के लिए वह मुख्यमंत्री को पत्र लिख सकते हैं। उनके द्वारा लिखे गए पत्र पर कार्रवाई भी की है।विधायक राकेश जमवाल ने कहा कि हिमाचल के इतिहास में पहली बार इतना नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि बहुत से ऐसे लोग है, जिनका नुकसान हुआ लेकिन उनके नाम सूचि में नहीं है। कुुछ ऐसे है, जिनके घर को नुकसान नहीं हुआ बरामद गया, उनको राहत राशि मिली।इंद्र दत्त लखनपाल ने कहा कि कह रहे हैं छह हजार मकान दिए 1.30 लाख रुपये में कौन सा मकान बनाता है। कम से कम 2.50 लाख तो होना चाहिए। राजनीति के लिए नहीं लोगों और प्रभावितों के लिए काम करें।