रांची। सांसद सिन्हा ने एक न्यूज पोर्टल को दिए इंटरव्यू में कहा है कि 2017 में रामगढ़ में अलीमुद्दीन हत्याकांड के लिए पूरी तरह से पुलिस दोषी है। अलीमुद्दीन अंसारी की भीड़ ने हत्या नहीं की थी। बल्कि रामगढ़ थाने में पुलिस ने उसकी हत्या कर दी थी।उनके पास आज भी इसका पूरा प्रमाण है। सिन्हा ने कहा कि थाने में अलीमुद्दीन की हत्या कर उन्मादी भीड़ की हिंसा का हौवा खड़ा कर दिया। अलीमुददीन गो तस्कर था। गोमांस के साथ पकड़ाने के बाद कुछ लोगों ने उसपर लाठियां जरूर चलाई थी। लेकिन पुलिस ने घटनास्थल से उसे ठीक-ठाक अवस्था में लेकर थाने गई। इसके बाद उसकी हत्या कर निर्दोष लोगों को फंसा दिया। सांसद ने कहा कि घटना में उम्रकैद की सजा पाए लोगों का जब हाईकोर्ट से बेल आर्डर निकला तो सभी को निर्दोष साबित किया। सांसद ने कहा कि कानून को कोई भी अपने हाथ में नहीं ले सकता है। कोई भी हिंसात्मक घटना नहीं होनी चाहिए। जो भी कानून को अपने हाथ में ले रहे हैं, वे देश को जंगल राज की ओर ले जा रहे हैं। बिल्कुल गलत कर रहे हैं। सांसद ने कहा कि अलीमुददीन अंसारी की हत्याकांड में न्याय होनी चाहिए। कानूनी प्रक्रिया चलनी चाहिए। अलीमुद्दीन की कानूनी रूप से सही में हत्या की थी। हत्यारों को सामने लाना चाहिए। इसके लिए झारखंड की हेमंत सरकार को जांच कर कार्रवाई करनी चाहिए। क्योंकि यह प्रमाणित है कि थाने में ही पुलिस ने ही उसकी हत्या की थी। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में 2018 के बाद इस प्रकार की कोई घटना नहीं हुई। झारखंड में झामुमो व कांग्रेस की सरकार में आगे की कार्रवाई नहीं हो रही है। सिन्हा ने यह भी कहा है कि अलीमुद्दीन अंसारी की हत्या के बाद उसकी विधवा को उन्होंने स्वयं अधिकार दिलाई थी। उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट ने अलीमुद्दीन हत्याकांड में जिन आठ लोग उनके घर आए थे। सभी को कोर्ट ने ही निर्दोष साबित करते हुए बरी किया था।