राघवेंद्र कुमार या अजीत साहू हो सकते हैं कांग्रेस से उम्मीदवार
जांजगीर चांपा। छत्तीसगढ़ विधानसभा का अकलतरा क्षेत्र इन दिनों कांग्रेस पार्टी के लिए कठिनाई भरा दिखाई दे रहा है जहां वर्तमान भाजपा विधायक के सामने योग्य उम्मीदवार की तलाश कांग्रेस पार्टी में चल रही है। किंतु भाजपा विधायक सौरभ सिंह के सामने कौन टिक पाएगा ऐसे प्रत्याशी की खोज अब अधिक दिन नहीं है। वर्तमान में अकलतरा विधानसभा को भाजपा के लिए सुरक्षित सीट माना जा रहा है परंतु जो चेहरे सामने आ रहे हैं उनमें से अजीत साहू का नाम योग्य उम्मीदवार के नाम से लिया जाने लगा है ।अकलतरा विधानसभा में इन दिनों कांग्रेस पार्टी से टिकट के दावेदारों की कमी नहीं है यहां सबसे प्रथम नाम पूर्व विधायक चुन्नीलाल साहू का तथा जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राघवेंद्र कुमार सिंह, जिला पंचायत सदस्य अजीत साहू,भवन सनिर्माण बोर्ड की सदस्य श्रीमती मंजू सिंह एवं हर्षवर्धन मुकीम, छत्तीसगढ़ पिछड़ा वर्ग कांग्रेस संगठन के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष संदीप यादव, पूर्व जनपद अध्यक्ष बलौदा कन्हैया राठौर का नाम का नाम लिया जा रहा है। ज्ञात होगी ज्ञात होगी अकलतरा विधानसभा को मुख्य रूप से कांग्रेस का गढ़ माना जाता रहा है परंतु समय के साथ-साथ यह भ्रम भी टूटते चले गया। दावेदार चुन्नीलाल साहू टिकट की दावेदारी में काफी पीछे नजर आ रहे हैं क्योंकि 2013 के चुनाव में 27 हजार मतों से जीतने के बाद वह 2018 के चुनाव में तीसरे स्थान पर थे। इससे उनकी पार्टी में पड़ कमजोर होने लगी है जो 21000 मतों से हार कर कांग्रेस को काफी पीछे धकेल दिया था । इस विधानसभा में मुख्य दावेदारों में राघवेंद्र कुमार सिंह का नाम लिया जा रहा है जो वर्तमान में जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी हैं कांग्रेस की राजनीति में आए हुए उन्हें कुछ वर्ष ही हुए हैं जिन्होंने कम समय में जिला अध्यक्ष का पद पाकर कांग्रेस पार्टी में जनसेवा का कार्य करना आरंभ कर दिए हैं किंतु वे अब तक कोई चुनाव नहीं लड़े हैं इसलिए उन्हें चुनाव लडऩे का अनुभव नहीं है। राघवेंद्र कुमार सिंह के पिता राकेश कुमार सिंह अकलतरा विधानसभा से दो बार विधायक भी रहे हैं जिनका कार्यकाल आज भी याद किया जाता रहा है उनकी दावेदारी स्वाभाविक है किंतु विरोध में उनके ही परिवार के तथा उनके रिश्तेदार सौरभ सिंह भाजपा से विधायक है ऐसी स्थिति में उनका नए-नए राजनीति में आने के कारण चुनाव लड़ पाना मुश्किल होगा। प्रमुख दावेदार के रूप में जिला पंचायत के पूर्व उपाध्यक्ष एवं वर्तमान जिला पंचायत सदस्य अजीत साहू का नाम लिया जा रहा है जिनके बड़े भाई चुन्नीलाल साहू अकलतरा विधानसभा से विधायक रह चुके हैं इनका कार्य करने का तौर तरीका अलग ही है जो अकलतरा विधानसभा में भाजपा के विधायक सौरभ सिंह को अच्छी तरह से टक्कर दे सकते हैं। इन्हें कांग्रेस पार्टी से अगर टिकट दिया जाता है तो निराशा की उम्मीद कम ही है इससे कांग्रेस पार्टी को विजय हासिल हो सकता है । क्योंकि अजीत साहू अकलतरा विधानसभा के ही व्यक्ति हैं जो इसके पूर्व क्षेत्र से बाहर जाकर चांपा सिवनी से जिला पंचायत सदस्य चुने गए और उपाध्यक्ष का पद हासिल कर कांग्रेस का मान बढ़ाया था । वर्तमान में अकलतरा विधानसभा क्षेत्र से ही जिला पंचायत के सदस्य हैं जिनके कुशल रणनीति के कारण ही चुन्नीलाल साहू विधायक बनने में सफल रहे हैं जो कांग्रेस के लिए एक दमदार एवं योग्य प्रत्याशी के रूप में है जिन्हें कांग्रेस पार्टी से टिकट देना कोई गलती नहीं होगा। इस विधानसभा से श्रीमती मंजू सिंह भी टिकट मांग रही है जो कांग्रेस जिला अध्यक्ष रहकर पार्टी को मजबूती प्रदान करने के कार्य में सफल रही है जिनका पारिवारिक पृष्ठभूमि राजनीति से तो नहीं है किंतु खुद के दमदारी से अकलतरा विधानसभा क्षेत्र में मंजू सिंह का नाम लोग प्रमुखता से जानते हैं। इसके अलावा हर्षवर्धन मुकीम, संदीप यादव, कन्हैया लाल राठौर सहित अनेक कांग्रेस की टिकट से चुनाव लडऩे की उम्मीद लगाकर कांग्रेस हाई कमान से टिकट मांग रहे हैं अब देखना यह है कि कांग्रेस पार्टी की टिकट किसके झोली में गिरती है यह देखने वाली बात होगी। यहां यह बताना आवश्यक है कि 2003 के चुनाव में रामाधार कश्यप कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार रहे हैं जिन्होंने भाजपा के छतराम देवांगन को 1430 मतों से पराजित किया था।इसी तरह 2008 के चुनाव में बसपा से सौरभ सिंह ने चुन्नीलाल साहू को 2888मतों से पराजित किया था। 2013 के विधानसभा चुनाव में चुन्नीलाल साहू ने भाजपा के दिनेश सिंह ठाकुर को 21693 वोट मतों से पराजित किया था तथा 2018 के चुनाव में भाजपा से सौरभ सिंह ने बसपा प्रत्याशी रिचा जोगी को 1854 मतों से पराजित किया था तथा चुन्नीलाल साहू 27 हजार मत पाकर तीसरे स्थान पर रहे हैं। कुल मिलाकर कुल मिलाकर वर्तमान में अकलतरा विधानसभा सीट भाजपा के पास है जहां प्रदेश के तेज तर्रार विधायक सौरभ सिंह इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं लगातार दो कार्यकाल से विधायक हैं तथा उन्हें बसपा और भाजपा दोनों पार्टी में विधायक रहने का मौका मिला है। इसके पूर्व सौरभ सिंह कांग्रेस पार्टी में रहकर अपनी राजनीति यात्रा प्रारंभ किए हैं। ऐसे में कांग्रेस पार्टी को यहां एक दमदार एवं ऊर्जावान प्रत्याशी को मैदान उतारने की आवश्यकता है टिकट कौन लेकर आता है और किसे निराशा हाथ लगती है यह तो समय ही बताएगा किंतु अजीत साहू एक स्वच्छ छवि का व्यक्ति जान पड़ता है जिन्हें अगर कांग्रेस टिकट देती है तो कोई गलती नहीं होगी।