लखनऊ, २७ सितम्बर । जौहर विश्वविद्यालय के निर्माण मामले में आजम खान के बाद अब उनके करीबियों की भी मुश्किलें बढ़ती ही जा रही है। जौहर विश्वविद्यालय के निर्माण में सरकारी विभागों की रकम खर्च किए जाने को लेकर जांच के कदम तेजी से बढ़ रहे हैं। सपा के राष्ट्रीय महासचिव आजम खां और मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट के पदाधिकारियों पर जल्द प्रवर्तन निदेशालय का शिकंजा भी कस सकता है। सूत्रों के अनुसार, ईडी जौहर विश्वविद्यालय में हुए सरकारी धन के खर्च का हिसाब खंगालेगा। इसके लिए जल्द जौहर ट्रस्ट के पदाधिकारियों को नोटिस देकर पूछताछ के लिए तलब किया जा सकता है। वहीं, आयकर विभाग आजम खां और उनके करीबियों के ठिकानों से बरामद दस्तावेजों की जांच में जुटा है। आयकर विभाग परीक्षण के बाद जल्द अगले चरण की कार्रवाई आरंभ कर सकता है। आयकर विभाग ने 13 सितंबर की सुबह आजम खां के रामपुर स्थित आवास समेत उनके करीबियों के रामपुर, सीतापुर, लखनऊ, मेरठ, सहारनपुर व गाजियाबाद के अलावा मध्य प्रदेश स्थित 30 से अधिक ठिकानों पर छापा मारा था। छापेमारी में जौहर विश्वविद्यालय के निर्माण में की गई कर चोरी को लेकर गहनता से पड़ताल की गई थी। आयकर जांच में सामने आया था कि जौहर विश्वविद्यालय के भीतर 40 इमारतें बनी थीं। इनमें दो इमारतों के निर्माण में हुए खर्च का हिसाब-किताब दुरुस्त पाया गया। शेष 38 इमारतों के निर्माण में खर्च की गई रकम का हिसाब नहीं मिल सका था। जौहर विश्वविद्यालय के निर्माण से पहले उसके पास पीडब्ल्यूडी विभाग का एक गेस्ट हाउस, सड़क और 32केवीए के सब स्टेशन बनवाया गया था। सरकारी धन से कई अन्य निर्माण कराए जाने की बात भी सामने आई थी। यह भी सामने आया था कि मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट के माध्यम से 7.42 करोड़ रुपये के उपकरण सहारनपुर स्थित बसपा के पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल की ग्लोकल यूनिवर्सिटी को दान दिए गए थे। जौहर विश्वविद्यालय की जमीन का मूल्यांकन भी कराया जा रहा है।आयकर विभाग का अनुमान है कि विश्वविद्यालय के निर्माण में एक हजार करोड़ रुपये से अधिक की रकम खर्च की गई थी। ईडी भी आजम खां के विरुद्ध तीन मामलों की जांच कर रहा है। इनमें जल निगम भर्ती घोटला व जौहर विश्वविद्यालय के मामले शामिल हैं। ईडी ने बीते दिनों आजम खां के बेटे अब्दुल्ला आजम, पत्नी तंजीन फातिमा व सीए को नोटिस देकर पूछताछ के लिए तलब भी किया था।