गाजियाबाद, २९ सितम्बर । आम चुनाव को लेकर जहां सभी सियासी दल अपनी-अपनी रणनीति तैयार करने में लगे हैं। वहीं, गाजियाबाद से सांसद जनरल वीके सिंह अपनों से ही जंग के मूड में नजर आ रहे हैं। इसकी वजह यह है कि दो साल से चली आ रही सांसद और विधायकों के बीच अंर्तकलह अब तक खत्म नहीं हुई है, चुनाव से पहले विरोधी खेमा जनरल के खिलाफ माहौल बनाने में जुटा है तो दूसरी तरफ जनरल ने भी अपने इरादे साफ कर दिए हैं। उन्होंने कहा है कि उनके खिलाफ साजिश रचने वाले भाजपा के ही लोग हैं, जिनके बारे में उनको जानकारी है और उनका डोजियर भी उनके पास है। इसके बाद चर्चा यह भी शुरू हो गई है कि विरोधियों में किस-किस के नाम शामिल हैं। गाजियाबाद की सीट पर भाजपा का दबदबा रहा है। यहां पर चुनाव में रिकार्ड मतों से रक्षामंत्री राजनाथ सिंह से लेकर जनरल वीके सिंह को जीत हासिल हुई है। जब प्रदेश में भाजपा के खिलाफ जाकर जनता ने दूसरे दलों को चुना, उस वक्त भी यहां के वोटरों ने भाजपा प्रत्याशी को अपनी पहली पसंद मानते हुए जनप्रतिनिधि बनाया।अब 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्षी दलों द्वारा आईएनडीआईए गठबंधन तैयार किया गया है, इसमें देखना यह है कि इस गठबंधन में से किस पार्टी को गाजियाबाद लोकसभा सीट पर चुनाव लडऩे का मौका मिलता है। भाजपा संगठन और मौजूदा सांसद को जहां विपक्षी दल की रणनीति को तोडऩे के लिए नीति तैयार करनी है, उस वक्त अपनों से ही जूझ रहे सांसद ने 2024 के चुनाव में उतरने का ऐलान कर दिया है।लेकिन उनके विरोधियों की चाह है कि जनरल इस बार यहां से चुनाव लडऩे का मौका न मिले। अब देखना यह है कि जनरल कामयाब होते हैं या फिर उनके विरोधी अपने मंसूबों में फतह हासिल करते हैं।2022 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद कलक्ट्रेट में जनरल वीके सिंह की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की गई थी। इस बैठक से मुरादनगर विधायक अजितपाल त्यागी, लोनी विधायक नंद किशोर गुर्जर, गाजियाबाद शहर से विधायक अतुल गर्ग और साहिबाबाद विधायक सुनील शर्मा नहीं पहुंचे थे, यह चारों विधायक एक भंडारे में पूड़ी सब्जी बांट रहे थे। तभी से शुरू हुई अंर्तकलह निकाय चुनाव से पहले उस वक्त खुलकर सामने आ गई।एमएलसी दिनेश चंद्र का एक पत्र इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हुआ। जिसमें उन्होंने बताया कि चारों विधायक, राज्यसभा सदस्य डा. अनिल अग्रवाल और महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा के साथ उनके आफिस पहुंचे और जनरल के खिलाफ बातें कहीं, एमएलसी ने यह भी लिखा था कि डॉ. अनिल अग्रवाल खुद 2024 का लोकसभा चुनाव लडऩा चाहते हैं।इसके बाद निकाय चुनाव में तो टिकट के बंटवारे को लेकर साहिबाबाद विधायक सुनील शर्मा और वीके सिंह की बेटी मृणालिनी सिंह के बीच हुई नोकझोंक का वीडियो भी प्रसारित हुआ। अब लोकसभा चुनाव आने वाले हैं, इससे पहले जनरल का मीडिया के सामने अपने विरोधियों का डोजियर तैयार करने की बात कहना यह स्पष्ट करता है कि चिंगारी अब आग का रूप ले चुकी है।