
नईदिल्ली, 0४ अक्टूबर । केंद्र सरकार ने मंगलवार को त्रिपुरा के दो विद्रोही गुटों नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा और ऑल त्रिपुरा टाइगर फोर्स पर पांच साल का प्रतिबंध लगा दिया। यह प्रतिबंध दोनों समूहों के सहयोगी संगठनों पर भी लागू होगा। इन पर देश की संप्रभुता और एकता के खिलाफ गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है।गृह मंत्रालय ने अधिसूचना जारी कर कहा कि एनएलएफटी और एटीटीएफ का उद्देश्य भारत से अलग कर त्रिपुरा को अलग राष्ट्र बनाना है। इसके लिए ये गुट कई साल से अन्य संगठनों की सहायता से सशस्त्र विद्रोह कर रहे हैं और त्रिपुरा के लोगों को उकसा रहे हैं। केंद्र सरकार का मानना है कि दो गुट विध्वंशक और हिंसक गतिविधियों में शामिल हैं और अपने उद्देश्य की पूर्ति के लिए आतंक फैला रहे हैं। ये दोनों गुट नागरिकों और सुरक्षा बलों के जवानों की हत्या में शामिल रहे हैं। इसके साथ ही ये कारोबारियों, व्यापारियों और जनता से वसूली करते हैं। ये दोनों गुट देश की संप्रभुता और एकता के लिए खतरा हैं। दोनों गुटों और इनके सहयोगी संगठनों पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की धारा 3 के तहत कार्रवाई की गई है।