कोरबा। आचार संहिता लागू होते ही जिला प्रशासन ने आगामी आदेश तक के लिए जनचौपाल को स्थगित कर दिया है। इसके लिए प्रशासन ने सोमवार को सूचना जारी की थी। इसके बाद भी कई ग्रामीण अपनी विभिन्न समस्याओं को लेकर कलेक्टर कार्यालय पहुंचे हुए थे। प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर समस्या से अवगत कराया। ग्राम पंचायत मादन के कंवर समाज ने कार्यालयीन कार्य के लिए दिन सामुदायिक भवन पर कब्जा करने का आरोप लगाया है। साथ ही इस भवन को समाज का वापस लौटने की मांग की है। ग्रामीणों ने बताया कि पाली में समाज की ओर से सामाजिक कार्यक्रम के लिए भवन बनाया गया था। ग्राम पंचायत में पटवारी कार्यालय के अभाव में सामुदायिक भवन को ही पटवारी कार्यालय बनाया गया। जिसे तत्कालीन पटवारी ने पट्टा हासिल कर किसी अन्य को बेच दिया। समाज के लोगों ने कई इसे लौटाने की मांग की इसके बाद भी भवन अब तक नहीं लौटाया गया है। प्रशासन भवन लौटाने की मांग समाज ने की है। कोरबा वनमंडल के पसरखेत रेंज में सुईढोढ़ा में स्टॉप डेप निर्माण में कार्य करने वाले मिस्त्री और मजदूरों ने प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर ठेकेदार से मजदूरी दिलाने की मांग की है। मजदूरों ने बताया कि वन विभाग की ओर से गांव में स्टॉप डेम का निर्माण कराया गया है। निर्माण का कार्य विभाग की ओर से ठेका कंपनी को दिया गया था। ठेका कंपनी ने इस कार्य में लगभग चार मिस्त्री और 14 मजदूरों ने फरवरी माह से लेकर जून माह तक कार्य लिया। लेकिन मजदूरों ने मजदूरी का भुगतान नहीं किया। बार-बार मजदूरी की मांग करने पर दो बार बिलासपुर बुलाया गया। दोनों ही बार हिसाब-किताब पूरा करने का हवाला देकर दो दिनों के भीतर मजदूरी का भुगतान करने का आश्वासन दिया गया। लेकिन मजदूरी नहीं दिया गया। तीसरी बार बिलासपुर बुलाया और डराया धमकाया गया। मजदूरों ने बताया कि इससे काफी परेशान हैं। पांच माह से मजदूरी नहीं मिली है। परिवार का पालन-पोषण मुश्किल से हो रहा है। इसके अलावा ऑटो चालक सहित अन्य लोगों को सामाग्री के किराए का भुगतान नहीं करने का आरोप लगाया है। इस संबंध में ज्ञापन सौंपने के लिए मनोज मेश्राम, शिव कुमार खुसरेंगा, राजेंद्र अनंत, श्याम नरेश, शरद चौहान आदि मौजूद थे।