
कोरबा। शक्ति की उपासना को लेकर जिले के ग्रामीण अंचल में भक्ति भाव के साथ नवरात्र पर्व का आयोजन किया जा रहा है। जिला मुख्यालय से 60 किमी दूर अनुसूचित जनजाति बाहुल्य देवपहरी क्षेत्र में सिद्धिदात्री का दरबार इन दिनों अपनी अलग छटा बिखेर रहा है। बड़ी संख्या में मनोकामना ज्योति कलश प्रज्जवलित किये गए हैं और जवारा सेवा भी जारी है।
40 गांव से संबंधित लोगों की प्रत्यक्ष भागीदारी इस आयोजन में सुनिश्चित हो रही है। दो दशक से भी ज्यादा समय से ग्रामीण क्षेत्र में इस तरह का आयोजन एक अलग पहचान कायम किये हुए है। गौमुखी सेवाधाम ने क्षेत्र के लोगों को उन्नत कृषि, शिक्षा, चिकित्सा के साथ-साथ स्वावलंबन को लेकर न केवल जागरूक किया बल्कि उन्हें ऐसे कार्यों से जोडऩे के साथ लाभान्वित किया। धार्मिक जागरण के साथ ही संस्कार की आधारशिला भी यहां पर रखी गई। वर्ष के दोनों नवरात्र पर पूरे सात्विक भाव से लोगों का कार्यक्रम में जुड़ाव इस बात को दर्शाता है कि वे मूल संस्कृति के साथ एकनिष्ठ भाव से जुड़े हुए हैं। सिद्धिदात्री के दरबार में सुबह-शाम होने वाली आरती और जवारा की सेवा के लिए ग्रामीणों ने अपने स्तर पर जिम्मेदारी ले रखी है। बताया गया कि समय के साथ यहां पर दूसरे क्षेत्रों के श्रद्धालुओं की आमद में बढ़ोत्तरी हुई है। नवमी को हवन-पूजन के साथ अनुष्ठान की समाप्ति होगी। स्थानीय स्तर पर गौ हत्या के दोष से मुक्त होने के लिए गौमुख से निकलने वाली जलधारा भी यहां के महत्व को गुणात्मक रूप से विस्तार देती है।





















