शिवरीनारायण। अयोध्या से राम सेतु तक राम वन गमन परिपथ की पदयात्रा पर निकले पश्चिम बंगाल पुरुलिया जिले के गांव बुरदा निवासी अक्षय भगत का नगर आगमन हुआ। नगर के नटराज चौक में नगर पंचायत के उपाध्यक्ष राजेन्द्र यादव, पार्षद मनोज तिवारी, शिवशंकर सोनी, गुलजीत सिंह गांधी, प्रतीक शुक्ला, संतोष माधवानी व नवीन माधवानी द्वारा फूल माला व श्रीफल भेंट कर स्वागत किया गया। वे अयोध्या से भरतकुंड, प्रयागराज, चित्रकोट, सतना, कटनी, शहडोल, अमरकंटक, रतनपुर, बिलासपुर, पामगढ़ मेहंदी होते हुए शिवरीनारायण पहुंचे।
उन्होंने भगवान शिवरीनारायण के दर्शन कर पूजा अर्चना की। जिसके बाद वे पदयात्रा करते बिलाईगढ़ गए। नगर के प्रतीक शुक्ला ने भी उनके साथ पवनी तक पदयात्रा की। बिलाईगढ़ में उन्होंने राम नामी समाज के लोगों से मुलाकात की। उन्होंने बताया वे 7 सितंबर को अयोध्या से पदयात्रा पर निकले हैं। वे प्रत्येक दिन 30 से 35 किलोमीटर की पदयात्रा करते हैं। उन्हें किताबें पढऩे और घूमने का बड़ा शौक है। उन्होंने कहा किताबे पढऩे और घूमने से ज्ञान बढ़ता है। वे अंग्रेजी, हिन्दी और बंगाली तीनों भाषा पढ़, लिख और बोल सकतें हैं। उन्होंने बताया मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान रामचन्द्र ने वनवास काल के दौरान क्या क्या कष्ट झेले उस एहसास को जानने वे इस राम वन गमन परिपथ की पदयात्रा पर निकलें हैं। उन्होंने कहा भगवान का नाम लेकर दृढ़ इक्षाशक्ति से कोई भी कार्य किया जा सकता है। वे बिलाईगढ़ से कटगी, कसडोल, तुरतुरिया, चंदखुरी, सिरपुर, चंपारण, राजिम, धमतरी, नगरी, कांकेर, नारायणपुर, बस्तर, सुकमा, कोंटा, तेलंगाना, कनार्टक, हम्पी होते हुए रामेश्वरम राम सेतु तक जाएंगे।
अयोध्या से रामेश्वरम तक होगी यात्रा
अक्षय भगत ने बताया कि अयोध्या से राम सेतु तक की उनकी ये पदयात्रा लगभग 3 हजार किलोमीटर की है। वे 41 दिन पहले 7 सितंबर को अयोध्या से निकले थे और लगभग 1 हजार किलोमीटर की पदयात्रा कर शिवरीनारायण पहुंचे। उन्होंने बताया कुल 5 महीने में वो राम सेतु तक की पदयात्रा पूरी कर लेंगे।
श्रीलंका में भी करेंगे पदयात्रा
उन्होंने बताया कि वे राम सेतु तक पदयात्रा करने के बाद फ्लाइट से श्रीलंका जाएंगे। श्रीलंका में वे मन्नार आइलैंड से अशोक वाटिका तक पदयात्रा करेंगे। श्रीलंका में उनकी पदयात्रा लगभग 350 किलोमीटर की होगी।
बाल विवाह के खिलाफ साइकिल से कर चुके हैं भारत यात्रा
अक्षय भगत ने बताया कि वे बाल विवाह के खिलाफ 2018 में साइकिल से लगभग 23 हजार किलोमीटर की भारत यात्रा कर चुके हैं। उन्होंने बताया उनकी 4 बहनें थीं। जिनमें से दो बहनों की बहुत छोटी उम्र बाल विवाह कर दिया गया था। यही वजह हैं कि उन्होंने बाल विवाह के खिलाफ लोगों को जागरूक करने साइकिल से भारत यात्रा की। बाद में उनकी बड़ी बहन की झारखंड में सर्पदंश से मृत्यु हो गई। उन्होंने बताया कि वे इसके अलावा अफ्रीकी देश केनिया, युगांडा, रवाण्डा, तांजानिया सहित बंग्लादेश की यात्रा भी साइकिल से कर चुके हैं।