कोरबा। लगातार बनाए जा रहे दवाब ने आखिरकार रंग दिखाया। कोरबा जिले में धान उपार्जन के काम से लगे सहकारी समितियों के कर्मचारियों को पिछले सीजन की कमीशन की राशि अब जाकर मिल सके हैं जबकि इंसेंटिव अभी भी बाकी है। जबकि नवंबर की शुरुआत से जिले में वर्ष 2023 सीजन की धान खरीदी का काम शुरू होना है।
कोरबा जिले के पांच विकासखंड के अंतर्गत 49 धान उपार्जन समितियां काम कर रही हैं, जिनकी संख्या में 7 की बढ़ोतरी पिछले वर्ष की गई। वर्ष 2022 में जिले में सभी उपार्जन समितियां में सरकार की नीति के अंतर्गत किसानों से बीते वर्षों की तुलना में ज्यादा खरीदी की गई। 20000 से ज्यादा किसानों के द्वारा अपना पंजीकरण समितियां के पास कराया गया था जिनके द्वारा अपने खेतों में उत्पादित धान का विक्रय समर्थन मूल्य पर किया गया। सरकार ने सकल उपार्जित मात्रा के अनुपात में सहकारिता कर्मियों को कमीशन और इंसेंटिव देने की घोषणा की थी। धान खरीदी के 60 दिन बाद इस काम को पूरा कर लिया जाना था जबकि यह काम नए सत्र की शुरुआत से ठीक पहले हो सका। तीन स्तर पर अंतिम मिलन करने और पूरी जानकारी आगे भेजने के बाद भी सहकारिता कर्मियों को अपने आर्थिक हितों की प्राप्ति के लिए न केवल दबाव बनाना पड़ा बल्कि अरसे तक इंतजार भी करना पड़ा। जानकारी के मुताबिक अब जाकर समितियां के खाते में ऑनलाइन कमीशन की राशि ट्रांसफर की गई है जबकि इंसेंटिव देने के मामले में गंभीरता नहीं दिखाई गई। बताया गया कि इंसेंटिव के मामले में अनावश्यक विलंब किया जा रहा है और कर्मियों की परेशानी बढ़ाई जा रही है। याद रहे धन उपार्जन के अंतर्गत मिलने वाले कमीशन और प्रोत्साहन राशि के माध्यम से वहां के बहुत सारे खर्चे सुनिश्चित होते हैं और चुनौतियां खत्म होती है।