
कोरबा। आदिवासी समाज ने एक कार्यक्रम आयोजित कर नवाखाई की परंपरा निभाई। नया धान के चावल का पकवान बनाकर सेवन किया गया इस दिन किसान खेतों में पके धान की बाली को घर में लाकर पूजा अर्चना करते हैं। साथ ही सभी परिवार सम्मिलित होकर घर के कुल देवी देवता की आराधना कर घर में बने पकवान को साथ बैठकर खाते हैं। धान की रोपाई से लेकर फसल कटने तक किसान विभिन्न प्रकार के उत्सव और पर्व मनाते हैं। इस उत्सव को नवाखाई पर्व के रूप में गांवों में मनाई जाती है। परंपरा के रूप में मनाये जाने वाले इस त्यौहार पर लोग बम्पर फसल और अच्छी बारिश के लिए आभार के रूप में देवताओं की पूजा अर्चना करते हैं। सभी परिवार सम्मिलित होकर घरों में छत्तीसगढ़ी व्यंजन बनाकर उत्साह के साथ लाभ उठाते है।