कोरबा। शहर में अतिक्रमण काारियो की बाढ़ आ गयी है जहां देखो वहीं पर अतिक्रमण कारियो ने अवैध निर्माण कर कब्जा कर लिया है। यहां तक फुटपाथो को भी नही बक्सा है। सरकार की बदलने के बाद यह प्रतिक्षा है कि अतिक्रमण कारियो पर कार्रवाई होगी या उन्हें पूर्व की भांति छूट दिया जाएगा। अतिक्रमण की समस्या लोगों के लिए परेशानी बनती जा रही है। सभी प्रमुख सडक़ें अतिक्रमण की चपेट में है। अवैध कब्जाधारकों ने सडक़ों का स्वरूप ही बदल दिया है। फुटपाथ पर पूरी तरह दुकानदारों का कब्जा है। कहीं सब्जी वाले दुकान लगाए है तो कहीं ई-रिक्शा और टेंपो वालों का अवैध कब्जा है। ऐसे मे राहगीरों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। शहर की ऐसी कोई सडक़ नहीं है जहां अतिक्रमण नहीं हो।शहर में व्यवस्थित यातायात के लिए तय की गई नियम धरी की धरी रह गई है। आम लोगों के लिए बनी फुटपाथ पर कुछ खास व्यवसाइयों ने कब्जा कर लिया है। वैवाहिक सीजन में सामान बिक्री की प्रतिस्पर्धा का आलम यह है कि सामानों सडक़ तक बिखरा कर रखा है। व्यस्त मार्ग में सुविधा के लिए बने फुटपाथ पर व्यवसाइयों ने कूलर, आलमारी, फर्नीचर, रजाई, गद्दे जैसे सामानों को बिखेर कर रखा है। ग्रामीण क्षेत्रों वैवाहिक आयोजन जारी होने से सामानों की खरीदी करने शहर के सडक़ में पिछले सप्ताह भर से भीड़ देखी जा रही है। शहर का पुराना व्यवसायिक केंद्र होने के बाद आम लोगों को फुटपाथ की सुविधा के लिए अब तक कोई पहल नहीं की गई है। घंटाघर चौक से लेकर बुधवारी बायपास,कुआभ_ा, मुड़ापार मार्ग, इधर पावर हाउस रोड से स्टेशन जाने वाला मार्ग,इमली डुग्गु, गौ माता चौक, ट्रांसपोर्ट नगर जैसे इलाके अतिक्रमण की चपेट में हैं।श्री राम जानकी मंदिर बुधवारी, आदिवासी शक्तिपीठ के सामने से लेकर रिकाण्डो मार्ग बुधवारी बायपास में तो बेतहाशा ठेले/गुमटियां, तंबू दान दिए गए हैं। मीना बाजार/ सर्कस मैदान के आसपास अतिक्रमण ने सबको चौंकाया लेकिन खुली आंखों से देखकर भी जोन प्रभारी से लेकर आयुक्त ने कभी कोई कार्रवाई नहीं की।नतीजा रहा कि यह पूरा क्षेत्र गैर अनुमति प्राप्त अवैधानिक ठेलों और गुमटियों से भर गया है।