अयोध्या, २० जनवरी । पिछले कुछ घंटों से अयोध्या में श्रीराम मंदिर की मूर्ति की तस्वीरें काफी वायरल हो रही हैं। रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होगी। इस मूर्ति को अभी खोला नहीं गया है। लेकिन एक तस्वीर बार बार सामने आ रही है कि उनके नेत्र खुले हैं। इस पर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने अपनी टिप्पणी दी है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि मूर्ति स्थापित हो गई है और उसे अभी खोला नहीं गया है। उन्होंने कहा कि रामलला की मूर्ति को कपड़े से ढक दिया गया है। रामलला की आंख से पट्टी हटने और खुली आंखों वाली तस्वीर के सवाल पर सत्येंद्र दास ने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा से पहले आंखों को खोला नहीं जा सकता। जिस मूर्ति का चयन हो जाता है, उस मूर्ति की आंखें बंद कर दी जाती हैं। उनकी आंखों को ढक दिया जाता है। जो तस्वीर दिखाई दे रही है वो मूर्ति है ही नहीं। सत्येंद्र दास ने कहा कि ऐसी तस्वीर मिल नहीं सकती और अगर ऐसी तस्वीर है तो उसकी जांच होगी। ये जांच होगी कि मूर्ति की आंखें किसने खोली और ये तस्वीर कैसे वायरल हो गई। मंदिर के मुख्य पुजारी का कहना है कि प्राण प्रतिष्ठा के लिए सारे कार्य होंगे, लेकिन नेत्र नहीं खुलेंगे। इस समय कर्म कांड किए जा रहे हैं। राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से पहले पीएम मोदी के 11 दिवसीय अनुष्ठान पर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास कहते हैं कि जो व्यक्ति अनुष्ठा करता है उसे फर्श पर सोना होता है, झूठ नहीं बोलता, गायत्री मंत्र का जप करता है। पत्ते पर भोजन करना होता है और ब्रह्मचर्य का पालन करना होता है।