नई दिल्ली। आबकारी घोटाला से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में राज्य सभा सदस्य संजय सिंह की जमानत याचिका का विरोध करते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली हाई कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है। ईडी ने कहा है कि जांच के दौरान यह पता चला है कि संजय सिंह घोटाले में एक प्रमुख साजिशकर्ता हैं और वह इस मामले में कई आरोपितों-संदिग्धों व व्यावसायियों से करीबी से जुड़े थे। ईडी ने कहा कि संजय सिंह कथित तौर पर अपराध की आय को लूटने के लिए एक विशेष प्रयोजन वाहन (मैसर्स अरालियास हास्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड) बनाने में शामिल थे।ईडी ने कहा कि इतना ही नहीं संजय सिंह आबकारी घोटाले से उत्पन्न अपराध की आय को प्राप्त करने, रखने, छुपाने, फैलाने और उपयोग करने में शामिल थे। जांच एजेंसी ने यह भी दावा किया कि आप नेता ने न सिर्फ अवैध धन या रिश्वत प्राप्त किया, बल्कि दूसरों के साथ साजिश में भी भूमिका निभाई है। ईडी ने कहा कि जांच से पता चला है कि सिंह को मामले में अपराध से दो करोड़ रुपये की आय प्राप्त हुई है। संजय सिंह के घर पर छापेमारी के बाद ईडी ने चार अक्टूबर-2023 को गिरफ्तार किया था। जमानत देने से इन्कार करने के निचली अदालत के 22 दिसंबर के निर्णय को संजय सिंह ने हाई कोर्ट में चुनौती दी है। मामले पर मंगलवार को न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा के समक्ष सूचीबद्ध किया गया था, लेकिन ईडी के वकील की अनुपलब्धता के कारण मामले को बुधवार के लिए सूचीबद्ध किया गया है। हलफनामा में ईडी ने कहा कि सिंह के पास इस मामले की जांच से संबंधित कुछ गोपनीय दस्तावेज हैं जो सार्वजनिक डोमेन में नहीं हैं।पिछली सुनवाई पर संजय सिंह की तरफ से पेश हु़ए वरिष्ठ अधिवक्ता मोहित माथुर ने तर्क दिया था कि उनके मुवक्किल तीन महीने से हिरासत में हैं और इस अपराध में उनकी कोई भूमिका नहीं बताई गई है। ईडी ने महज एक आरोपित के सरकारी गवाह बनने के बाद दिए गए बयान के आधार पर संजय सिंह को गिरफ्तार किया गया था।