नईदिल्ली, २९ फरवरी । नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) ने संपत्तिकर बकायेदारों के खिलाफ शुरू किए गए सीलिंग के अभियान को जारी रखने का निर्णय लिया है। एनडीएमसी के अनुसार 150 बकायेदार अकेले कनॉट प्लेस में बकायेदार हैं जिन पर 1950 करोड़ रुपये का बकाया है। ऐसे में इतनी बढ़ी राशि एनडीएमसी के राजस्व में आने से विकास परियोजनाओं में रफ्तार मिलेगी। इसे देखते हुए एनडीएमसी ने अपना यह अभियान जारी रखने का निर्णय लिया है।एनडीएमसी के एक अधिकारी ने बताया कि सबसे पहले हमारा फोकस उन शीर्ष 100 बकायेदारों पर हैं जिन पर 2500 करोड़ रुपये की राशि हैं। ऐसे में जरूरी है कि इस राशि को वसूला जाए। क्योंकि यह राशि एक नहीं काफी वर्षों से बकाया है। इसलिए हमारा यह अभियान चलता रहेगा।अधिकारी ने आगे बताया कि 1950 करोड़ रुपये की राशि अकेले कनॉट प्लेस के 150 संपत्ति मालिकों पर ही बकाया है। अब उन संपत्ति मालिकों को सीलिंग से बचना है तो वह अपना बकाया संपत्तिकर जमा कर दें। अगर, एक साथ बकाया जमा करने में दिक्कत आ रही है तो किस्तों में भी जमा कर सकते हैं लेकिन जो जमा ही नहीं करना चाहते उन पर कार्रवाई के सिवाय हमारे पास कोई विकल्प नहीं है। उल्लेखनीय है कि अकेले कनॉट प्लेस में एनडीएमसी 12 से ज्यादा संपत्तियों को सील कर चुकी है। एक-एक संपत्ति पर 40-45 करोड़ तक का बकाया है। वहीं, एनडीएमसी के उपाध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने कहा कि अगर, संपत्ति मालिक संपत्तिकर नहीं चुका रहा है और वह अपने किराये के साथ संपत्तिकर भी दे रहे हैं तो ऐसे किरायेदारों से हम सीधे संपत्तिकर लेने पर भी विचार कर रहे हैं ताकि उनके व्यापार को नुकसान न पहुंचे। कनॉट प्लेस में हुई सीलिंग को लेकर चैंबर आफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) ने व्यापारियों की बैठक बुलाई है। साथ ही एनडीएमसी चेयरमैन अमित यादव और उपाध्यक्ष सतीश उपाध्याय को पत्र लिखा है। सीटीआई के चेयरमैन बृजेश गोयल ने इस संबंध में उपराज्यपाल से हस्तक्षेप की मांग की है। साथ ही उन्होंने एमसीडी की तर्ज पर यूनिट एरिया मैथर्ड (यूएएम) लागू करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि संपत्तिकर की फिर से यूएएम के तहत गणना की जानी चाहिए।