नई दिल्ली। चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने लोकसभा चुनाव से कुछ हफ्ते पहले आज इस्तीफा देकर सभी को चौंका दिया है। अरुण गोयल के इस्तीफे पर राजनीति भी शुरू हो गई है। गोयल ने इस्तीफे के लिए व्यक्तिगत कारण बताए हैं। अब अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्त को लेकर प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी। कानून मंत्रालय के अनुसार, गोयल का इस्तीफा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने शनिवार को ही स्वीकार कर लिया और वो आज से ही प्रभावी हो गया। गोयल का कार्यकाल वैसे दिसंबर 2027 तक था। सेवानिवृत्त नौकरशाह अरुण गोयल पंजाब कैडर के 1985 बैच के आईएएस अधिकारी थे।गोयल ने नवंबर 2022 में चुनाव आयुक्त का पद संभाला था। उन्होंने 18 नवंबर को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली थी और एक दिन बाद उन्हें चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया था। उन्होंने 21 नवंबर को कार्यभार संभाला था।फरवरी 2025 में मौजूदा राजीव कुमार के कार्यकाल की समाप्ति के बाद गोयल अगले मुख्य चुनाव आयुक्त बनने की कतार में थे।अरुण गोयल दिल्ली विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष थे। वह श्रम और रोजगार मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव और वित्तीय सलाहकार भी थे। वो केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय में भी काम कर चुके हैं।फरवरी में अनूप पांडे की सेवानिवृत्ति और गोयल के इस्तीफे के बाद तीन सदस्यीय चुनाव आयोग पैनल में अब केवल मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार बचे हैं।अरुण गोयल की नियुक्ति को लेकर भी बवाल मचा था। 2024 में गोयल की नियुक्ति को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। मामले पर मार्च 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी टिप्पणी करते हुए कहा था कि गोयल की नियु्क्ति सरकार की ओर से जल्दबाजी में की गई थी और उनका कार्यकाल 2 साल से ज्यादा होना चाहिए।