पटना, १० मार्च । जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत प्रदेश के अलग-अलग जिलों में स्थित आठ हजार छोटे भवनों पर ग्रिड कनेक्टेड सोलर सिस्टम लगाए जाएंगे। इस क्रम में बिजली कंपनी 200 मेगावाट क्षमता के सौर ऊर्जा सिस्टम को तैयार करेगा।इसके लिए जल्द ही निविदा की प्रक्रिया आरंभ होनी है। हाल ही में बिजली कंपनी ने 65 मेगावाट सोलर इनर्जी सिस्टम के लिए निविदा की थी। इसमें से 50 मेगावाट का कार्यादेश जारी कर दिया गया है।बिजली कंपनी के संबंधित अधिकारी ने बताया कि जिलों के बड़े सरकारी भवन जिसमें समाहरणालय भी शामिल हैं, छतों पर ग्रिड कनेक्टेड सोलर सिस्टम लगाए जाने की प्रक्रिया पूरी कर ली गयी है। अब छोटे-छोटे सरकारी भवनों पर ग्रिड कनेक्टेड सोलर सिस्टम स्थापित होने हैं।बिजली कंपनी से मिली जानकारी के अनुसार सभी सरकारी महकमों से यह जानकारी मांगी की गयी थी कि जिलों में उनके ऐसे कितने छोटे-छोटे कार्यालय हैं जिसकी छत पर ग्रिड कनेक्टेड सोलर इनर्जी सिस्टम को लगाया जा सकता हैं।विभागों से सूची के हिसाब से ऐसे आठ हजार भवनों के बारे में जानकारी मिली है। इनमें आंगनवाड़ी केंद्र, प्राथमिक स्कूलों के भवन और पंचायत भवन आदि शामिल हैं। मोटे तौर पर आकलन के हिसाब से इसके लिए दो सौ मेगावाट बिजली की जरूरत है।बिजली कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि जिस कंपनी द्वारा सौर ऊर्जा सिस्टम को लगाया जाएगा वे इसके स्थापित होने के बाद अगले पांच वर्षों तक इसका मेंटेनेंस भी देखेंगे। जिन पांच-छह हजार की संख्या में बड़े भवनों पर सोलर इनर्जी सिस्टम लगे हैं, उनका मेंटेनेंस भी वही कंपनी कर रही जिसने उसे लगाया है।सभी जिलों में छोटे भवनों पर ग्रिड कनेक्टेड सोलर सिस्टम लग जाने के बाद प्राय: सभी सरकार भवन सोलर ऊर्जा सिस्टम से आच्छादित हो जाएंगे।