नईदिल्ली, 01 अप्रैल । अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने कहा कि भारत और अमेरिका गुरपतवंत सिंह पन्नू की कथित हत्या की साजिश की जांच में मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी देश का कोई भी सरकारी कर्मचारी किसी विदेशी नागरिक की हत्या की साजिश में शामिल नहीं हो सकता। मेरा मानना है कि आमतौर पर यह किसी भी देश के लिए एक रेड लाइन है, जिसे पार नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर साथ काम करना दर्शाता है कि वर्तमान में भारत-अमेरिका संबंध कितने मजबूत और करीबी हैं।खालिस्तान समर्थकों के मार्च और पन्नू द्वारा दी गई धमकियों का जिक्र करते हुए गार्सेटी ने कहा कि अमेरिकी प्रणाली स्वतंत्र भाषण की रक्षा करती है। एक अमेरिकी नागरिक को केवल देश के कानूनों के अनुसार दोषी ठहराया या निर्वासित किया जा सकता है। आतंकी पन्नू कई बार भारत के खिलाफ धमकियां दे चुका है। उन्होंने सीएए पर अमेरिका की चिंताओं की भी बात की। उन्होंने कहा कि कभी-कभी नई दिल्ली और वाशिंगटन कुछ चीजों पर असहमत होने के लिए सहमत हो सकते हैं और इसे नकारात्मक रूप से नहीं लेना चाहिए। युद्ध की बदलती प्रकृति के बीच साथ मिलकर तलाश रहे समाधानदोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग की प्रशंसा करते हुए गार्सेटी ने कहा कि युद्ध की बदलती प्रकृति के बीच अमेरिका और भारत मिलकर सामाधान तलाश रहे हैं। लाल सागर में बदलते परि²श्य पर कहा कि ऐसे हथियार विकसित करने की जरूरत है, जो युद्ध की नई प्रकृति का सामना कर सकें।सस्ते ड्रोन और मिसाइलों को दस लाख डालर की मिसाइल और रक्षा द्वारा ही गिराया जाना पड़ रहा है। उन्होंने भारत और अमेरिका के बीच जेट इंजन और प्रीडेटर ड्रोन के सौदे के संबंध में कहा कि सभी कुछ सही पटरी पर चल रहा है। छात्रों पर हमले के मुद्दे पर कहा कि हम भारतीय छात्रों से प्यार करते हैं। उन्होंने छात्रों से सतर्क और सावधान रहने का आग्रह किया।जो बाइडन ने कहा था, भारत मेरे लिए दुनिया का सबसे महत्वपूर्ण देश। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की ओर से दोनों देशों के साझेदारी को महत्वपूर्ण बताते हुए उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध न केवल नई दिल्ली और वाङ्क्षशगटन के लिए, बल्कि पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण है।