
नईदिल्ली, १३ अप्रैल । कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर उनके उस बयान के लिए निशाना साधा है जिसमें उन्होंने कहा है कि सावन के महीने में मीट खाने का वीडियो प्रदर्शित कर विपक्ष बहुसंख्यक समुदाय को चिढ़ाता है। इस पर कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री घबरा गए हैं। वह रोज ध्यान भटकाने का नया तरीका खोजने की कोशिश करते हैं। वह हर दिन हमें अपनी बीमार मानसिकता का एक नया उदाहरण देते हैं। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि प्रधानमंत्री का बिना रुके राजनीति करना बचकाना व थकाऊ है और दावा किया कि चुनाव में भाजपा पिछड़ रही है क्योंकि उसने अभी तक अपना घोषणापत्र तैयार नहीं किया है, जबकि कांग्रेस पहले ही अपना घोषणापत्र जारी कर चुकी है और लोगों से संपर्क कर रही है। उन्होंने एक्स पर पोस्ट में कहा, प्रधानमंत्री के विपरीत हमने यह ट्रैक नहीं किया है कि किस नेता ने किस महीने में क्या खाया। यहां पोषण के कुछ डाटा हैं, जिन्हें हम ट्रैक कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि एनीमिया कई वजहों से होता है जिनमें आयरन की कमी, अपर्याप्त आहार और अन्य पोषक तत्वों की कमी शामिल है। 2015-16 और 2019-21 के बीच पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों में एनीमिया में लगभग 10 प्रतिशत प्वाइंट्स की वृद्धि हुई। कांग्रेस सांसद ने आगे कहा कि 15 से 19 वर्ष की महिलाओं में एनीमिया का प्रसार 9.2 प्रतिशत तक बढ़ गया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के गृह राज्य गुजरात में पांच वर्ष से कम उम्र के 10 में से आठ बच्चे एनीमिया से प्रभावित मिले। रमेश ने आरोप लगाया, मिड-डे मील योजना में स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए नाश्ता शामिल करने की 4,000 करोड़ की योजना पर धन की कमी के कारण वित्त मंत्रालय ने वीटो कर दिया था। उन्होंने कहा कि ग्लोबल हेल्थ इंडिकेटर (जीएचआई) रिपोर्ट से पता चलता है कि भारत के बच्चों में वेस्टिंग रेट (लंबाई के अनुपात में कम वजन) 18.7 प्रतिशत है जो इसके सूचकांक में शामिल देशों में सबसे अधिक है। बच्चों में बौनेपन की दर 35.5 प्रतिशत है जो दुनिया में 15वीं सबसे अधिक है। मोदी सरकार में कुपोषण व्यापक स्तर पर बना हुआ है और कई डाटा इंडिकेटरों के अनुसार, यह और भी बदतर हो गया है।