
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में एक निर्दलीय उम्मीदवार के नामांकन पत्र रद्द होने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की है। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि अगर कोर्ट नॉमिनेशन रद्द होने के खिलाफ दायर की गई याचिकाओं पर विचार करना शुरू कर दिया तो अराजकता फैल जाएगी। कोर्ट ने यह कड़ी टिप्पणी बिहार के एक व्यक्ति की याचिका को खारिज करते हुए की। दरअसल, बिहार के बांका बांका सीट से जवाहर कुमार झा ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन पत्र दायर किया था। हालांकि, रिटर्निंग ऑफिसर ने उनके नॉमिनेशन को रद्द कर दिया था, जिसके बाद उन्होंने आरओ पर मनमाने और दुर्भावनापूर्ण रवैया पर अंकुश लगाने की मांग करते हुए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की पीठ ने कहा कि अगर हम नामांकन पत्रों की अस्वीकृति के खिलाफ संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत याचिकाओं पर विचार करना शुरू कर देंगे तो अराजकता होगी। कोर्ट ने कहा कि आपको चुनाव कानून के अनुशासन का पालन करना होगा। पीठ ने कहा कि उम्मीदवार के नामांकन पत्र रद्द के खिलाफ दायर याचिका पर हम सुनवाई के इच्छुक नहीं है।