
जम्मू। केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में निर्दलीय उम्मीदवार को मैदान में उतारने वाली नेशनल कॉन्फ्रेेंस को बड़ा झटका लगा है। लद्दाख की कारगिल नेशनल कॉन्फ्रेेंस इकाई ने उम्मीदवार को समर्थन देने के मुद्दे पर सामूहिक इस्तीफा दे दिया है। चुनावी तैयारियों के बीच कारगिल की नेशनल कॉन्फ्रेेंस इकाई के पार्टी से इस्तीफा देने को भारतीय जनता पार्टी ने मुद्दा बना लिया है। पार्टी का कहना है कि कारगिल स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद के चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेेंस को चुनाव चिन्ह न मिलने पर पार्टी ने न्यायालय में लड़ाई लडऩे के साथ चुनाव स्थगित करवाया था। नेशनल कॉन्फ्रेेंस के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लडक़र पार्टी ने पर्वतीय परिषद बनाई थी। अब जब पूरी कारगिल इकाई ने इस्तीफा दे दिया है तो पार्टी को पर्वतीय परिषद में बने रहने का कोई अधिकार नही है। नेशनल कॉन्फ्रेेंस की इकाई पर्वतीय परिषद से भी इस्तीफा दे।कारगिल कांग्रेस व नेशनल कॉन्फ्रेेंस के गत दिनों हाजी हनीफा खान को उम्मीदवार बनाने से लद्दाख में आईएनडीआई गठबंधन में दरार आ गई थी। इस फैसले को लेकर कांग्रेस ने विरोध जताते हुए सेरिंग नामग्याल को अपना उम्मीदवार बनाया था।ऐसे हालात में सोमवार को नेशनल कॉन्फ्रेेंस की कारगिल इकाई ने यह कहकर इस्तीफा दे दिया है कि पार्टी हाईकमान द्वारा उन पर कांग्रेस के उम्मीदवार सेरिंग नामग्याल को समर्थन देने के लिए दवाब बना रही है।
नेशनल कांफ्रेंस के अतिरिक्त सचिव व कारगिल के शिया नेता कमर अली अखून ने नेशनल कॉन्फ्रेेंस के प्रधान फारूक अब्दुल्ला को पत्र लिखकर कारगिल इकाई के सामूहिक इस्तीफे के बारे में जानकारी दी। अखून ने लिखा है कि हाजी हनीफा खान को उम्मीदवार बनाने का फैसला कारगिल डेमोक्रेटिक एलायंस का है। क्षेत्रों के हितों को ध्यान में रखते हुए कारगिल इकाई कांग्रेस के सेरिंग नामग्याल को समर्थन देने के निर्देश का पालन नही कर सकते हैं। ऐसे में कारगिल इकाई इस्तीफा देती है। नेशनल कॉन्फ्रेेंस ने कुछ दिन पहले एक पोस्ट में नेशनल कॉन्फ्रेेंस अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला की ओर से पार्टी की कारगिल इकाई को लोकसभा चुनाव में लद्दाख सीट के लिए आईएनडीआई गठबंधन के उम्मीदवार सेरिंग नामग्याल को समर्थन करने का निर्देश दिए थे।
इस निर्देश में पार्टी की ओर से स्पष्ट किया गया था कि उनके निर्देशों का पालन ने किए को अनुशासनहीनता मान कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।इसके जवाब में कमर अली अखून ने लिखा है कि पूरे लद्दाख क्षेत्र के हित व हमारे क्षेत्र के भविष्य को सुरक्षित बनाने के लिए कारगिल डेमोक्रेटिक एलायंस ने एकजुट होकर मोहम्मद हनीफा जान को अपना संयुक्त उम्मीदवार बनाया था। यह फैसला जिले के सभी राजनीतिक दलों व धार्मिक संस्थानों ने सर्वसम्मति से लिया था।अब लद्दाख के हितों के खिलाफ काम करने के निर्देश नही मान सकते हैं। अब पार्टी और पार्टी के सभी पदों से सामूहिक इस्तीफा देने के लिए मजबूर हैं। फारूक अब्दुल्ला से इस पत्र को हमारा सामूहिक इस्तीफा मानें।कारगिल इकाई के इस्तीफा देने पर भाजपा के संगठन महामंत्री अशोक कौल का कहना है कि लद्दाख में आईएनडीआई गठबंधन नाम की कोई चीज नही है। उनका कहना है कि इस्तीफा देने के बाद अब कारगिल की नेशनल कॉन्फ्रेंस इकाई ने कारगिल पर्वतीय परिषद में रहने का अधिकार खो दिया है।कारगिल नेशनल कॉन्फ्रेंस ने पार्टी के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लडऩे के बाद अब पार्टी ही छोड़ दी है। कारगिल चुनाव में अपने चुनाव चिन्हें पर लडऩे के लिए पार्टी उच्चतम न्यायाल तक पहुंची थी। ऐसे में नेशनल कॉन्फ्रेंस कारगिल पर्वतीय परिषद में भी सत्ता में रहने का अधिकार खो चुकी है। पार्टी वहां से भी त्यागपत्र दे।