
अकलतरा। नगर का सबसे प्राचीन रामसागर तालाब साफ-सफाई के अभाव में बदहाली की मार झेल रहा है। तालाब चारों ओर से जलकुंभी से अटा है। इसके अलावा तालाब में नाली का गंदा पानी भी आता है। इससे तालाब के पानी से बदबू आने लगी है। इस वजह से आसपास के लोगों को निस्तारी के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
नगर का सबसे प्राचीन तालाब होने के बाद भी नियमित रूप से नगर पालिका परिषद द्वारा साफ सफाई नहीं कराई जाती और न ही तालाब में नाली से आने वाले गंदे पानी को रोकने के लिए कोई उपाय किया जा रहा है। तालाब के एक ओर रामकुटी मंदिर एवं दूसरी ओर नगर का प्रसिद्ध आदिशक्ति माँ महामाया मंदिर है। तालाब का पौराणिक व आध्यात्मिक महत्व भी है। तालाब के चारों ओर जलकुंभी भर गई है, इसलिए यहां नहाने के लिए आने वाले लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। मृतक कर्म भी इसी तालाब में कराए जाते हैं। अपने रिश्तेदारों के मृतक कर्म में आए लोगों को इसी बदबूदार पानी में नहाना पड़ता है, मातृ पितृ देव की पूजा अर्चना के बाद इसी गंदे जल का अर्पण करना पड़ता है। छठ पूजा के समय व्रती महिलाएं रामसागर तालाब में आकर पूजा अर्चना कर उगते एवं डूबते सूरज को जल अर्पण करतीं हैं। सुहागिन महिलाएं रामसागर तालाब का जल लेकर वट वृक्ष की पूजा भी इसी जगह पर करतीं हैं।
चौपाटी की तरह इसे किया जा सकता है विकसित रामसागर तालाब का क्षेत्रफल बड़ा है। इसके चारों ओर बाउंड्री वॉल कर तालाब में विकास के कई कार्य करने के साथ-साथ तालाब में बोटिंग की सुविधा प्रारंभ की जा सकती है। तालाब के चारों ओर लाइट लगाकर घूमने के लिए विकसित कर चौपाटी भी बनाई जा सकती है।
राशि स्वीकृत होने के बाद साफ-सफाई करवाएंगे नगर के राम सागर तालाब सहित अन्य तालाबों के साफ सफाई व अन्य कार्य के लिए राज्य शासन से राशि की मांग की है। राशि स्वीकृत होने के बाद रामसागर तालाब में साफ-सफाई के साथ सौंदर्यीकरण का कार्य करवाया जाएगा। – शांति भारते, अध्यक्ष नगर पालिका परिषद, अकलतरा