
जांजगीर। रबी की फसल में सिंचाई के लिए पानी की डिमांड पूरी होते ही बांगो बांध के गेट बंद कर दिए गए हैं। इस कारण अब जांजगीर-अकलतरा शाखा नहर में पानी की धार कम हो गई है। नहर में पानी होने से शहर का वाटर लेवल रिचार्ज हो रहा था। लेकिन अब बंद होने के बाद वाटर लेवल डाउन होगा। यदि ग्रामीण क्षेत्रों में तालाबों को नहीं भरा गया तो वहां भी लोगों को जल संकट का सामना करना पड़ सकता है।रबी फसल के लिए सिंचाई विभाग की ओर से नहर में पानी देने का फायदा किसानों के अलावा जांजगीर-नैला में रहने वाले लोगों को मिला है। पिछले तीन सालों से नहर में पानी आने के कारण जिला मुख्यालय में टैंकर से पानी सप्लाई की आवश्यकता नहीं के बराबर पड़ रही है। दो चार वार्ड ही हैं जहां पानी पानी की समस्या सामने आती है। इस साल भी शहर टैंकर मुक्त रहा है, क्योंकि नहर के पानी से तालाबों को भरने से शहर का वाटर लेवल मेंटेन हो रहा है। करीब दो तीन साल पहले मार्च के दूसरे पखवाड़े के बाद शहरवासियों को जलसंकट से जूझना पड़ता था। इसी दौर से नगर में टैंकर से पानी सप्लाई की मांग वार्डों से आने लगती थी। अप्रैल की शुरुआत से पालिका जांजगीर-नैला में रोजाना 60 से 70 टैंकरों से जलापूर्ति की जाती रही है। शहर के भीमा तालाब में भरा हुआ है पानी भले ही नहर बंद हो गई है लेकिन शहर के प्रसिद्ध भीमा तालाब में पानी भरा हुआ है। तीन सालों से रबी फसल से नहर से पानी छोडऩे से भीमा तालाब में पर्याप्त पानी है। इसके कारण शहर का वाटर लेवल बना हुआ है। इस साल अभी तक जलसंकट जैसी कोई समस्या नहीं है। लेकिन नहर बंद होने के कारण नहर के आसपास बस्तियों में रहने वाले लोगों को थोड़ी परेशानी जरूर होगी। साथ ही जिन ग्राम पंचायतों में नहर के पानी से तालाब नहीं भरे गए होंगे वहां परेशानी हो सकती है।






















