कोरबा। विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण के समय में बनी हुई योजना का क्रियान्वयन नगर निगम के कार्यकाल में करते हुए कोरबा में घंटाघर का निर्माण कर दिया गया। समय बीतने पर इसका हहाल कर दिन की चांदनी फिर अंधियारी रात जैसा हो गया। लंबे समय से यह उपेक्षा की जद में है। लोगों की शिकायत है कि तमाम तरह की समस्याओं की जानकारी देने के बावजूद इनका समाधान करने को लेकर नगर निगम किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं कर रहा है।कोरबा के विकास को प्रतिबिंबित करने की इरादे से नगर पालिका निगम के द्वारा बीते वर्षों में ओपन थिएटर के नजदीक घंटाघर का निर्माण कराया गया। यहां काफी ऊंचाई पर स्तंभ बनाने के साथ घड़ी लगाई गई जो विभिन्न क्षेत्रों से लोगों को नजर आ रही थी। रास्ते से गुजरने के दौरान लोगों को उसे समय देखने के लिए अपने हाथ की घड़ी की तरफ ना देखना पड़े यह भी एक उद्देश्य था। इसके बहाने लोग इस बात को भी जानते कि कोरबा ने कितना विकास अब तक कर लिया है। नगर निगम के अधिकारियों ने उसे समय कोलकाता से घड़ी मंगवाई थी जिसे यहां पर लगवाया गया। कुछ समय ताकि इसका समय लोग जान सके और उसके बाद से ना तो घड़ी ने समय दिखाया और ना ही अब वह मौके पर है। घंटाघर की दशा को लेकर आसपास में व्यवसाय करने वाला वर्ग काफी नाराज है। प्रभा सिंह ने बताया कि शाम होने के बाद यहां अजीब स्थिति हो जाती है। आसपास की लाइट नहीं जलने के कारण समस्या पेश आती हैं। यहां की स्थिति से हम काफी दुखी है।
घंटाघर के आसपास व्यावसायिक परिसर का निर्माण भी नगर निगम की ओर से कराया गया है जिसके माध्यम से उसे काफी राजस्व की प्राप्ति होती है। व्यवसाय करने वाले वर्ग की शिकायत है कि ना तो यहां पर नियमित साफ-सफाई हो रही है और ना ही अन्य व्यवस्थाएं की जा रही है। काफी समय से माहौल खराब है। जानकारी होने पर भी उचित कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।
नगर पालिका निगम कोरबा का वार्षिक बजट 900 करोड़ का है और इसके माध्यम से 67 वार्ड में कई प्रकार की सुविधा मुहैया कराने की जिम्मेदारी है। जबकि सीसीएल और एनटीपीसी अपने क्षेत्र में सुविधाओं की व्यवस्था खुद कर रही है। इतना सब कुछ होने पर भी नगर निगम अपने इलाके से जुड़े हुए मसलों को लेकर उतना ज्यादा गंभीर नहीं है जितना की अपेक्षित है। नगर निगम के अगले चुनाव इसी वर्ष नवंबर में होने हैं। ऐसे में क्या नागरिक उम्मीद कर सकते हैं कि कोरबा के प्रमुख स्थान कहे जाने वाले घंटाघर से जुड़ी हुई समस्याओं को दूर करने के लिए जनप्रतिनिधि और अधिकारी ध्यान देंगे