कोलकाता, १८ जून।
कंचनजंगा एक्सप्रेस हादसे पर पूर्व रेल मंत्री और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भारतीय रेलवे के खिलाफ गुस्सा जाहिर किया है।सोमवार दोपहर उत्तर बंगाल के लिए रवाना होने से पहले कोलकाता हवाईअड्डे पर ममता ने कहा कि रेलवे अनाथ हो गई है। कोई देखने वाला नहीं है। सिर्फ बातें होती हैं। यात्रियों के लिए कोई सुरक्षा नहीं है। उन्होंने शिकायत की कि रात में लंबी दूरी की ट्रेन यात्रा अब एक दु: स्वप्न है। मैं समय-समय पर सियालदह के यात्रियों की पीड़ा देखती हूं। मैंने यह भी सुना है कि रात की ट्रेन में यात्रियों को जो बिस्तर (कंबल-चादर, तकिए) दिए जाते हैं उनमें भी गंदगी रहती है। यही स्थिति है। ममता ने कहा कि जब मैं रेल मंत्री थी तब मैंने टक्कर रोधी उपकरण की शुरुआत की थी। उस समय मैंने कोंकण रेल में इसका उपयोग किया था। मैं खुद मारगांव गई थी। आज कुछ लोग इसे नया नाम दे रहे हैं। लेकिन ऐसा लगता है कि नया नाम देने के बाद भी यात्रियों की सुरक्षा नाम की कोई चीज नहीं है। अब यह सिर्फ एक फैशन है, घोषणा के नाम पर शब्दों की झड़ी लग गई है। लेकिन कार्यस्थल पर कुछ नहीं हो रहा है। गैसल रेल हादसे को याद करते हुए ममता ने कहा कि वहां जो हादसा हुआ था, वह आज की घटना से भिन्न है। इस क्षेत्र में अक्सर दुर्घटनाएं होती रहती हैं।
उस पर भी कोई ध्यान नहीं है।