
रामानुजगंज। शपुर और उसके आसपास हुई तेज बारिश के बाद क्षेत्र की जीवनदायनी कन्हर नदी में 84 दिनों के बाद जल प्रवाह होने लगा। अप्रैल से सूखी इस नदी में रविवार मध्य रात्रि पानी पहुंचा। भीषण जल संकट से गुजर रहे नगर के लोगों को कन्हर नदी में पानी आने से बड़ी राहत मिली है। अब नगर पंचायत की जलप्रदाय व्यवस्था भी सुचारू हो सकेगी।बता दें कि अप्रैल माह के पहले सप्ताह में कन्हर नदी पूरी तरह सूख गई थी। इससे नगर में लगातार जल संकट गहराने लगा था। मई के दूसरे पखवाड़े से जून के पहले पखवाड़े तक पानी के लिए हाहाकार मच गया। जैसे तैसे नगर पंचायत के द्वारा नदी में एक्सीवेटर से नदी की खोदाई कर डबरी बना नगर में जल आपूर्ति की गई। इस बीच मानसून की लेटलतीफी लोगों के लिए भारी पड़ रही थी। नगर पंचायत के द्वारा सुबह से देर शाम तक टैंकरों के माध्यम से पानी की आपूर्ति की जाती रही। अब नदी में पानी का प्रवाह शुरू होने से लोगों ने राहत की सांस ली है।
क्षेत्र वासियों की गहरी आस्था कन्हर नदी से जुड़ी हुई है। 84 दिनों के बाद जब नदी में पानी का आगमन हुआ तो सोमवार सुबह से ही पूजा अर्चना करने के लिए लोगों की भीड़ कन्हर नदी में उमड़ गई। बलरामपुर रामानुजगंज जिले की सबसे बड़े नदी में एक कनहर तीन प्रदेशों के लोगों को लाभान्वित करती है। यह जशपुर के खुडिय़ा पठार से निकल सोनभद्र जिले में सोन नदी में मिलती है। सोन का पानी आगे चलकर गंगा नदी में मिलता है। बता दें कि जशपुर क्षेत्र में पिछले दिनों अच्छी वर्षा हुई थी। इसका प्रभाव रामानुजगंज तक विस्तारित कन्हर नदी में पड़ा और यहां तक जल धारा बहने लगी। कन्हर नदी के सूखने से छत्तीसगढ़ एवं झारखंड के सरहदी क्षेत्र का जलस्तर काफी नीचे चला गया था। पहली बार ऐसी स्थिति निर्मित हुई थी कि जो हैंडपंप कुआं सूख गया। कन्हर में पानी आने से रामानुजगंज सहित सरहद के किनारे बसे छत्तीसगढ़ एवं झारखंड के लोगों को बड़ी राहत मिली है।





















