उज्जैन, १७ जुलाई ।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने साधु-संतों के चोले में गलत काम करने वाले महामंडलेश्वर व संतों को अखाड़ों से निकाल दिया है। उज्जैन की पूर्व महामंडलेश्वर मंदाकिनी देवी भी इनमें शामिल है। अब बारी कथा वाचकों की है, जो कथा वाचक अपने आपको भगवान बता रहे हैं, उन पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। ऐसे कथा वाचकों की सूची बनाई जा रही है। यह बात अभा अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने मंगलवार को चर्चा में कही। पट्टाभिषेक समारोह में शामिल होने आए महंत रवींद्र पुरी ने दुराचारी साधु-संतों व महामंडलेश्वरों के अखाड़ों से बाहर करने को सही ठहराया। शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद द्वारा उद्धव ठाकरे के समर्थन में दिए बयान पर अखाड़ा परिषद अध्यक्ष ने कहा कि देश में दो प्रकार की मानसिकता काम कर रही है। एक मौलावादी व दूसरी हिंदूवादी, हमारे कुछ संत भी कांग्रेसी हैं, जो अलग सोच रखते हैं। उनके बारे में मैं ज्यादा कुछ नहीं कहूंगा, लेकिन 2014 से पहले ऐसा कोई प्रधानमंत्री नहीं होगा जो मंदिरों में माथा टेकता होगा। नरेन्द्र मोदी पहले प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने अयोध्या में श्रीराम मंदिर व उज्जैन में श्री महाकाल महालोक का निर्माण कराया।