कोरबा। साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड की कोरबा जिले की ओपन कास्ट माइंस के लिए बारिश का मौसम इस बार परेशानी का कारण बना हुआ है। कुसमुंडा में एक अधिकारी के बहकर मृत होने की घटना के बाद अब गेवरा में हादसा हो गया। यहां जनहानि तो नहीं हुई लेकिन बारिश के साथ आए मलबा में कई वाहन दब गए। इससे भारी-भरकम नुकसान की खबर है।
सूचनाओं के मुताबिक विश्व की सबसे बड़ी ओपन कास्ट माइंस गेवरा में के.जे.सिंह के साइड पर यह घटना बीती रात्रि हुई। रात से ही बारिश का दौर जारी है। हर तरफ इसने अपना असर डाला। ओपनकास्ट कोल माइंस में कोयला निकालने की प्रक्रिया से पहले सतह में भारी भरकम खोदाई की जाती है। इस दौरान निकलने वाली मिट्टी और पत्थर को हटाने के साथ नजदीकी क्षेत्र में डंप किया जाता है। बताया गया कि के.जे.सिंह को यहां ओवरबर्डन का काम मिला हुआ है। इस इलाके में बड़ी संख्या में मशीनरी और अन्य संसाधन लगाए गए हैं। कामकाज के अंतर्गत उन्हें इस इलाके में खड़ा किया जाता है। रात्रि से लगातार हो रही बारिश का रौद्र रूप सामने आया तो ओबी से मलबा भी बड़ी तेजी से बहना शुरू हो गया। इसके साथ वजनी चीजें बहकर भी सामने आईं। इसने वाहनों को अपनी जद में ले लिया। घटनाक्रम में कितने वाहन चपेट में आए इसकी स्पष्ट जानकारी नहीं मिली है लेकिन जो वीडियो और फोटो सामने आए हैं उनमें कई वाहनों को प्रभावित हुए देखा गया है। दूसरी ओर गेवरा क्षेत्र में कार्मिक विभाग के अधिकारी से इसे लेकर चर्चा की गई तो उन्होंने ऐसी किसी घटना से साफ इंकार किया। यह भी बताया गया कि गेवरा क्षेत्र बारिश के मौसम में सुरक्षित है। आज ही सुरक्षा टीम आई हुई है और उसके साथ अधिकारी बातचीत कर रहे हैं।
सहायक प्रबंधक की हुई थी मौत
एक पखवाड़ा पहले कुसमुंडा क्षेत्र की मेगा माइंस में इसी प्रकार का हादसा हुआ था जिसमें सहायक प्रबंधक जितेंद्र नागरकर की मौत हो गई थी। भारी वर्षा के साथ लैंड स्लाइडिंग होने से बड़ी मात्रा में मलबा के बहाव में पांच कर्मचारी आ गए थे। इनमें से चार किसी तरह बच गए जबकि मार्गदर्शन करने वाले नागरकर खुद चपेट में आ गए। 15 घंटे के रेस्क्यू के बाद उनका शव मिला था।